आज मंगलवार है, महावीर का वार है Lyrics | Free PDF Download
आज मंगलवार है, महावीर का वार है, सच्चा दरबार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है।।
चेत सुति पूनम मंगल का जनम वीर ने पाया है।
लाल लंगोटा गदा हाथ में, सिर पर मुकुट सजाया है।।
शंकर का अवतार है, महावीर का वार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है।।
ब्रह्माजी के ब्रह्म ज्ञान का, बल भी तुमने पाया है।
राम काज शिव शंकर ने, वानर का रूप धारिया है।।
लीला अपरम पार है, महावीर का वार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है।।
बालपन में महावीर ने हरदम ध्यान लगाया है।
शाप दिया ऋषिओं ने तुमको, ब्रह्म ध्यान लगाया है।
राम रामाधार है, महावीर का वार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है।।
राम जनम हुआ अयोध्या में कैसा नाच नचाया है,
कहा राम ने लक्ष्मण से यह वानर मन को भाया है ।
राम चरण से प्यार है, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है ॥
पंचवटी से माता को, जब रावण लेकर आया है।
लंका में जाकर तुमने, माता का पता लगाया है।।
अक्षय को मारा है तुमने, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है ॥
मेघनाथ ने ब्रह्मपाश में तुमको आन फसाया है।
ब्रह्मपाश में फंस करके, ब्रह्मा का मान बढ़ाया है।।
बजरंगी वाकी मार है, महावीर का वार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है ॥
लंका जलायी आपने जब रावण भी घबराया है।
श्रीराम लखन को आकर माता का संदेश सुनाया है।।
सीता शोक अपार है, महावीर का वार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है।।