अलसी बीज क्या है और इसे खाने के फायदे (Alsi Beej Kya Hai Aur Ise Khane Ke Fayde)
अलसी यानी के फ्लेक्स सीड (flax seeds) का इस्तेमाल विभिन्न तरह के भोजन को बनाने में किया जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अलसी के इन छोटे-छोटे बीजों (alsi ke beej ke fayde) में समाए हैं कई हजारों गुण। जी हां, अलसी का उपयोग आप अपने खाद्य पदार्थ में तो करते ही हैं, लेकिन, आयुर्वेद की दुनिया में अलसी का अपना एक अलग ही महत्व है।
अलसी का इस्तेमाल शरीर को हृष्ट-पुष्ट बनाने के साथ-साथ विभिन्न रोगों को दूर करने के लिए भी किया जाता है। लेकिन, सही रूप से अलसी का उपयोग करना भी बहुत जरूरी है। आज इस लेख में हम जानेंगे, अलसी क्या है? अलसी के बहुत सारे फायदों के बारे में (alsi ke fayde) और साथ में जानेंगे की किस प्रकार आप अलसी का सेवन करें जिससे आपको उचित फायदे हो सके (alsi khane ke fayde) । तो चलिए शुरू करते हैं।
अलसी क्या है? (What is Alsi or Flax seeds in hindi?)
एक बड़ा चम्मच / 7 ग्राम वजन के अलसी में शामिल हैं :
ऊर्जा | 37.4 कैलोरी |
कार्बोहाइड्रेट | 2.02 ग्राम |
वसा | 2.95 ग्राम |
प्रोटीन | 1.28 ग्राम |
कैल्शियम | 17.8 मिलीग्राम |
फाइबर | 1.91 ग्राम |
मैग्नीशियम | 27.4 मिलीग्राम |
पोटेशियम | 56.9 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 44.9 मिलीग्राम |
ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन | 45.6 एमसीजी |
फोलेट | 6.09 माइक्रोग्राम (एमसीजी) |
अलसी को “तीसी” के नाम से भी जाना जाता है। शुरुआत में अलसी को जड़ी बूटी की तरह इस्तेमाल किया जाता था और इससे विभिन्न प्रकार की औषधियों का निर्माण किया जाता था। मौसम तथा स्थानों की अलग अलग प्रकृति के कारण अलसी यानी कि तीसी के बीजों के रंग रूप उनके आकार-प्रकार में बहुत अंतर पाया गया। तीसी के बीज सफेद, लाल, पीला तथा थोड़े काले रंग के भी पाए जाते हैं।
अलसी का साइंटिफिक यानी कि वानस्पतिक नाम लाइनम यूसीटैटीसिमम (Linum usitatissimum L., Syn-Linum humile Mill.) है। और यह लाइनेसी (Linaceae) कुल से है। ऐसा माना जाता है कि गर्म प्रदेशों की “अलसी/तीसी” सबसे अच्छी होती है। आमतौर पर “तीसी” के बीज तथा तेल को ही उपयोग में लाया जाता है। अलसी के प्रयोग से गला, कफ, सांस, पाचन तंत्र विकार, घाव, तथा कुष्ठ आदि रोगों में काफी लाभ मिलता है।
अलसी या अलसी के बीज के चमत्कारी फायदे : (Alsi Seeds Benefits and Uses in Hindi)
आइए जानते हैं अलसी यानी की तीसी के औषधीय प्रयोग और इससे मिलने वाले फायदों के बारे में :
नींद नहीं आने पर अलसी का प्रयोग : (Alsi Benefits to Treat Insomnia in Hindi)
जिन्हें नींद नहीं आने की बीमारी है, उनके लिए अलसी एक वरदान है। अलसी और एरंड तेल को बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर उसे अच्छे से पीस लें और उस मिश्रण को कांसे की थाली में रख दें। इस मिश्रण को अपनी आंखों में काजल की तरह लगाने से आंखों को ठंडक पहुंचती है और नींद बहुत अच्छी आती है।
आंखों के रोग में अलसी के फायदे : (Alsi Benefits in Eye-Disease Treatment in Hindi)
यदि आप आँखों से संबंधित बीमारी से बहुत परेशान है, जैसे कि आंखों की लालिमा खत्म हो जाना या आंख आना, तो ऐसी बीमारियों को जल्द से जल्द खत्म करने के लिए आपको अलसी के बीजों का का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले आप, अलसी के बीजों को पानी में भिगो दें और उन बीजों के फूल जाने पर उसे छान कर पानी अलग कर लें और उस पानी से अपने आंखों को धोएं। इस उपाय को करने से आपको जल्द से जल्द राहत मिल जाएगी।
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दर्द और सूजन में अलसी का प्रयोग : (Alsi Benefits to Treat Pain and Inflammation in Hindi)
यदि आप दर्द या सूजन से बहुत परेशान है तो अलसी का प्रयोग आपके लिए बहुत ही फायदेमंद सिद्ध हो सकता है। इसके लिए अलसी से बनाई हुई घरेलू गीली दवा बहुत काम आती है। इसे बनाने के लिए आपको चाहिए – पीसी हुई अलसी एक भाग और इसे आपको 4 भाग पानी में उबालना है। यह ज्यादा गाढ़ा नहीं होना चाहिए। इसे दर्द या सूजन वाले स्थान पर हल्के हाथ से लगाएं करें। इसके प्रयोग से कोई भी पुराना दर्द या सूजन जल्द से जल्द खत्म हो जाता है।
कान दर्द या कान में होने वाले सूजन में अलसी के फायदे : (Alsi Benefits to reduce ear Pain in Hindi)
यदि आप कान दर्द या सूजन से बहुत परेशान है। तो आप अलसी को अपने प्रयोग में ला सकते हैं इसके लिए अलसी को प्याज के रस में पका लें और उसे अच्छी तरह से छान लें अब इसे एक या दो बूंद कान में डालें। इससे कान के सूजन और कान दर्द से आपको बहुत जल्दी राहत मिल जाएगी।
सिर दर्द के लिए अलसी का प्रयोग : (Alsi Benefits in relief from Headache in Hindi)
आज हर कोई सिरदर्द जैसी समस्या से बहुत परेशान है इसके लिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं सिर दर्द में आप अलसी को कैसे प्रयोग में ला सकते हैं? सबसे पहले आप अलसी के बीजों को ठंडे पानी से पीस लें और उसका लेप अपने माथे पर लगाएं। इससे सूजन से होने वाला सिरदर्द या आम सिरदर्द से आपको जल्द से जल्द राहत मिल जाएगी इसके अलावा सिर के घाव में भी आपको काफी फायदा मिलेगा।
जुकाम से राहत पाने के लिए अलसी का प्रयोग : (Alsi Benefits in Common Cold in Hindi)
यदि आप जुकाम से बहुत परेशान है तो इसके लिए आप तीसी या अलसी को प्रयोग में ला सकते हैं। इसके लिए आप सबसे पहले तीसी यानी कि अलसी को अच्छी तरह से साफ करके धीमी आंच पर भून लें। तीसी जब अच्छी तरह से भूल जाए और उसमें से गंध आने लगे। तब आप उसे हल्का ठंडा करके पीस ले। इसमें समान मात्रा में ही मिश्री मिला लें। तीसी यानी कि अलसी खाने का सही तरीका यह है कि आप इसे 5 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ सुबह और शाम दोनों समय खाएं। ऐसा करने से जुकाम में जल्द से जल्द राहत मिल जाती है।
खांसी और दमा में अलसी के फायदे : (alsi Benefits in Fighting with Cough and Asthma in Hindi)
मौसम में बदलाव के कारण हर कोई खांसी से परेशान होता है इसके अलावा भी कई लोग दमे से बहुत परेशान होते हैं आज हम आपको खांसी और दमा को दूर करने के लिए अलसी से जुड़े घरेलू उपाय के बारे में बताएंगे :
- सबसे पहले आप 3 ग्राम अलसी को 250 मिलीलीटर पानी में उबालें और फिर इसे एक घंटा के लिए छोड़ दें। इसके बाद आप इसमें थोड़ी सी चीनी मिलाकर इसका सेवन कर सकते है। ऐसा करने से आपको जल्द से जल्द खांसी और अस्थमा से लाभ होगा।
- आप अलसी के बीजों का काढ़ा भी बना सकते हैं। ठंड के दिनों में आप इसमें शहद और गर्मी में मिश्री मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं। इस काढ़ें को सुबह-शाम पीने से आपको अस्थमा और खांसी में बहुत आराम मिलेगी।
वात कफ दोष में अलसी के उपाय : (Benefits of Alsi for Vata Kapha Disorder in Hindi)
यदि आप वात या कफ से बहुत परेशान है? तो हम आपको बताने जा रहे वात या कफ को आप अलसी के सेवन से कैसे दूर कर सकते हैं। इसके लिए आपको 50 ग्राम अलसी को भूनकर उसे पीसकर उसका पाउडर बनाना होगा? और इसमें बराबर मात्रा में मिश्री तथा एक चौथाई भाग मरीच मिला दे। इसे आप 3 से 5 ग्राम की मात्रा में सुबह या शाम को शहद के साथ खाया करें और जल्द से जल्द लाभ पाएं।
थायराइड में अलसी के लाभदायक प्रयोग : (Benefits of Alsi in Thyroid Treatment in Hindi)
यदि आप थायराइड से बहुत परेशान है तो यहां हम आपको बताएंगे कि मात्र अलसी के प्रयोग से आप थायराइड जैसी गंभीर बीमारी से कैसे निजात पा सकते हैं? इसके लिए आप अलसी के बीज, सरसों, सहजन के बीज, जपा के फूल तथा मूली के बीज को बराबर बराबर मात्रा में ले लें और उन बीजों को छाछ के साथ मिलाकर पेस्ट बना ले। इस पेस्ट को अपने गले की गांठ पर लेप करने से आपको थायराइड में निजात मिलेगी।
जोड़ों के दर्द से निजात पाने के लिए अलसी का प्रयोग : (Benefits of Alsi for Arthritis Treatment in Hindi)
यदि आप जोड़ों के दर्द या गठिया से बहुत परेशान है तो अलसी आपके लिए जड़ी बूटी की तरह काम में आ सकता है। इसके लिए आप अलसी का तेल या अलसी के बीजों को ईसबगोल के साथ महीन पीस लें और इसे अपने जोड़ों पर लगाएं। इससे दर्द में काफी लाभ मिलता है। इसके अलावा आप अलसी के तेल को शुंठी के चूर्ण में मिलाकर गर्म कर ले। इस तेल से जोड़ों या गठिया के स्थान पर मालिश करें। इससे आपको काफी राहत मिलेगी।
Frequently Asked Questions
1. अलसी को कितनी मात्रा में खाना चाहिए ?
अलसी या तीसी का 2 से 5 ग्राम चूर्ण का सेवन आप कर सकते है। अलसी का पूरा फायदा लेने के लिए आप किसी चिकित्सक से अवश्य परामर्श लें।
2. अलसी कहाँ पाई या उगाई जाती है ?
अलसी यानी की तीसी की खेती पूरे भारत में ही होती है। इसकी खेती शरद ऋतु में फसलों के साथ ही की जाती है। भारत के हिमाचल प्रदेश में अलसी खासतौर से उगाई की जाती है।
3. अलसी का सेवन कब करना चाहिए?
अलसी का सेवन आप सुबह, शाम या रात में सोने से पहले कर सकते हैं।
4. अलसी खाने का सही तरीका क्या है?
अलसी के बीजों को आप अच्छी तरीके से भून लें और इसे महीन पीसकर इसका पाउडर बना लें। इस पाउडर को आप किसी एयरटाइट कंटेनर में भर कर रख दें और इसे आप सलाद या किसी भोज्य पदार्थ में डाल कर खा सकते हैं।
5. अलसी के बीज दिखने में कैसे होते हैं?
अलसी के बीज तिल के बीजों की तुलना में थोड़े बड़े होते हैं और इसका ऊपरी परत थोड़ा सख्त और चमकीला होता है।
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