बागेश्वर बाला जी चालीसा – Bageshwar Bala Ji Chalisa | Free PDF Download
जय जय जय अंजनी सुवन , पवन पुत्र बलवान।
बज्र विराजे हाथ में ,श्री बागेश्वर हनुमान ।।
जय जय बागेश्वर हनुमाना
राम चरन रति ज्ञान निधाना।।
मंगल रूप नाम सुख कारी
महिमा तीन लोक उजियारी।।
विश्व प्रसिद्ध प्रताप तुम्हारा
जान सके बस जानन हारा।।
जाके हृदय बसत हनुमंता
तापर कृपा करहिं भगवन्ता।।
भारतवर्ष सकल सुखकारी
प्रकटे राम कृष्ण अवतारी।।
धरा धाम कौतुक बहु कीन्हा
अति उपदेश प्रजा को दीन्हा।।
कलियुग मध्य नाम बिस्तारा
गावें भक्त अनेक प्रकारा ।।
जहां पर कृपा करहिं भगवाना
सोई प्रसिद्ध होय अस्थाना ।।
मध्य प्रदेश राज्य सुखदाता
जिला छतरपुर अति विख्याता।।
ताके मध्य गड़ा शुभ ग्रामा
स्थित यहां बागेश्वर धामा।।
न्यायाधीश हनुमान विराजे
सुंदर रूप काम लख लाजे।।
संग बैठे सन्यासी बाबा
कृपा मात्र सब कष्ट नसावा।।
भूत प्रेत की व्यथा मिटावें
बिगड़े भये सब काम बनावें।।
रोग दोष सब द्वंद नसावें
जब बजरंग कृपा बरसावें।।
अर्जी लगे दिव्य दरबारा
पूरण होय मनोरथ सारा।।
सुख कर्ता दुखहर्ता स्वामी
सब जानो तुम अन्तर्यामी।।
देश विदेशन महिमा भारी
दीनदयाल भक्त हितकारी।।
चमत्कार बहु भांति रचायो
चारु ओर कौतुक प्रभु छायो।।
तीनहू काल जनावन हारे
अमिट प्रताप जगत रखवारे।।
करुणा सिंधु कृपा कछु कीजे
निज चरणन में आश्रय दीजे।।
भव सागर से तारो स्वामी
हम हैं चरनन के अनुगामी।।
विषम काल दारुण विस्तारा
अब मुझको प्रभु देहूं सहारा।।
जो कोई करें राम गुन गाना
सुमिरै बागेश्वर हनुमाना ।।
तापर कृपा करें बजरंगी
रहिएं सदा राम के संगी।।
जो यहे पढ़े पावन चालीसा
तिन पर रहें कृपाल कपीशा।।
आर्यन ” नाथ चरन को चेरो
कीजे कृपा हरो दुख मेरो।।
जय जय बालाजी हनुमाना
दर्शन देहु करो कल्याना ।।
दोहा-
जय बजरंगी रामप्रिय जय बागेश्वर धाम
जय जय संत समाज की जय श्री सीता राम।।
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