Chandra Stotram | चन्द्र स्तोत्र | Free PDF Download
श्वेताम्बर: श्वेतवपु: किरीटी, श्वेतद्युतिर्दण्डधरो द्विबाहु: ।
चन्द्रो मृतात्मा वरद: शशांक:, श्रेयांसि मह्यं प्रददातु देव: ।।1।।
दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णवसम्भवम ।
नमामि शशिनं सोमं शम्भोर्मुकुटभूषणम ।।2।।
क्षीरसिन्धुसमुत्पन्नो रोहिणी सहित: प्रभु: ।
हरस्य मुकुटावास: बालचन्द्र नमोsस्तु ते ।।3।।
सुधायया यत्किरणा: पोषयन्त्योषधीवनम ।
सर्वान्नरसहेतुं तं नमामि सिन्धुनन्दनम ।।4।।
राकेशं तारकेशं च रोहिणीप्रियसुन्दरम ।
ध्यायतां सर्वदोषघ्नं नमामीन्दुं मुहुर्मुहु: ।।5।।
इति मन्त्रमहार्णवे चन्द्रमस: स्तोत्रम
चन्द्र स्तोत्र के लाभ
- चंद्र ग्रह की महादशा और अंतर्दशा आपके लिए विपरीत चल रही है तो Chandra Stotram का पाठ करना आपके लिए लाभदायक रह सकता हैं।
- Chandra Stotram का पाठ चंद्र ग्रह के बुरे गोचर के समय करना भी जातक को फायदेमद रहता हैं।
- यदि आपके जीवन में चंद्र ग्रह से संबधित कोई रोग या बीमारी हो रही हो तो Chandra Stotram का पाठ उस समय जरूर करना चाहिए।
- जातक की कुंडली अनुसार चंद्र ग्रह मारकेश हो और आपके जीवन में चंद्र ग्रह प्रभावित कर रहा हो तो भी Chandra Stotra का पाठ करना आपको बहुत ज्यादा लाभ दे सकता हैं।
- यदि आप अपने जीवन में चंद्र ग्रह से होने वाले नुकसान या बुरे प्रभाव से किसी भी तरह से ग्रस्त चल रहे हो तो भी Chandra Stotram का पाठ करने से आपके जीवन में सुधार देखने को जरूर मिलेगा।