Chandra Yantra: धन, इच्छा शक्ति और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर करता है चन्द्र यन्त्र
चंद्रमा ग्रह को प्रसन्न करने के लिए और यदि चंद्रमा नकारात्मक प्रभाव दे रहा हो तो उसे शांत करने के लिए चंद्र यंत्र को स्थापित किया जाता है l चंद्रमा ग्रह किसी भी कुंडली में सबसे प्रमुख ग्रहों में से एक है। चंद्रमा को एक ग्रह माना जाता है लेकिन वास्तव में, चंद्रमा पृथ्वी ग्रह का एक उपग्रह है और यह लगभग 27 दिनों में एक चक्कर पूरा करते हुए पृथ्वी की परिक्रमा करता है।
चंद्रमा ग्रह हमारी भावनाओं, इच्छा शक्ति, धन, स्वास्थ्य के साथ-साथ हमारे सभी विचारों को नियंत्रित करता है।
एक मजबूत चंद्रमा (चंद्रमा अपनी राशि में – कर्क, चंद्रमा अपनी उच्च राशि में वृष या चंद्रमा पर बृहस्पति जैसे प्राकृतिक रूप से लाभकारी ग्रहों से दृष्ट होने वाला) अपनी इच्छा शक्ति और निर्णयों के संबंध में मजबूत है और वह हमेशा एक सकारात्मक विचारक होता है और कभी भी अवसाद जैसी मन की नकारात्मक अवस्थाओं के शिकार नहीं होते।
चंद्र यंत्र के लाभ
यदि आप आत्मविश्वास की कमी या डिप्रेशन के शिकार हैं तो आपको सिद्ध किया गया चंद्र यंत्र बहुत लाभ देता है। इस चंद्र यंत्र को गले में पेंडेंट के रूप में भी धारण किया जा सकता है या पूजा स्थान में यंत्र के रूप में स्थापित किया जा सकता है।
- चंद्र यंत्र का नियमित पूजन बहुत लाभ देता है।
- चंद्र यंत्र की विधिवत पूजा कर स्थापना करने से मन को शांति मिलती है और मानसिक स्वास्थ मजबूत रहता है।
- चंद्र यंत्र धारण करने से व्यक्तित्व में निखार आता है।
- चंद्र यंत्र के माध्यम से चंद्र को मजबूत करके डिप्रेशन, तनाव, मानसिक बीमारियों से काफी हद तक बचा जा सकता है।
- यह माता से आपके संबंध सुधारता है।
- कमजोर चंद्र के कारण सर्दी-जुकाम, खांसी, फेफड़े और श्वसन संबंधी रोग होते हैं।
- चंद्र यंत्र धारण करके इन रोगों से बचा जा सकता है।
- चंद्र यंत्र समुद्र पारीय देशों से व्यापार करने वालों को लाभ देता है।
- जो विद्यार्थी विदेशों में पढ़ाई या जॉब का सपना देखते हैं उन्हें भी यह जरूर धारण करना चाहिए।
- यह कलात्मकता में वृद्धि करता है। रचनात्मक कार्य करने वालों को इसकी पूजा करना चाहिए।
- कर्क राशि और कर्क लग्न वालों के लिए यह ज्यादा लाभदायक है।
कैसे करें स्थापना
किसी भी शुभ मुहूर्त में घर के पूजा स्थान पर चंद्र यंत्र की स्थापना करें। इसके आगे धूप और दीप जलाएं। अब अपने ईष्ट देव के साथ-साथ चंद्रमा की भी आराधना करें और उनसे अपने और अपने परिवार पर कृपा बरसाने की प्रार्थना करें। गंगाजल छिड़क कर घी का दीया जलाएं। यदि पेंडेंट के रूप में चंद्र यंत्र धारण कर रहे हैं तो किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के सोमवार के दिन चांदी की चेन में इसे पहनें।
चंद्र यंत्र स्थापना विधि
शुक्ल पक्ष के सोमवार के दिन प्रातःकाल जागकर स्नानादि के पश्चात यंत्र को सामने रखकर 11 या 21 बार चंद्र के बीज मंत्र ऊं श्रां श्रीं श्रूं सः चंद्राय स्वाहाः का जाप करें। चंद्र यंत्र पर गंगाजल छिड़कें, चंद्रदेव से उत्तम फल प्राप्ति की कामना करते हुए सुनिश्चित किए गए स्थान पर यंत्र को स्थापित कर दें। आप चाहें तो चंद्र यंत्र को बटुए और गले में भी धारण कर सकते हैं। नियमित रूप से इस यंत्र की पूजा करें। नियमित रूप से यंत्र को शुद्ध जल से स्नान कराएं।