चावल, जौ तथा गेहूं से बने शिवलिंग के 7 चमत्कारी लाभ (Chawal, Jou tatha gehu se bane shivling ke 7 chamatkaari labh)
हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव के श्रेष्ठ भक्त है “भगवान विष्णु”। शिवपुराण के अनुसार एक बार, भगवान विष्णु ने देव शिल्पी विश्वकर्मा जी को समस्त जगत के उद्धार के लिए अलग-अलग पदार्थ, रत्न तथा धातुओं द्वारा शिवलिंग (Shivling) का निर्माण करने को कहा। भगवान विश्वकर्मा जी ने कई शिवलिंग का निर्माण किया जो कई पदार्थ, रत्न तथा धातु द्वारा बने हुए थे, जैसे – पारद, चंदन, चावल, जौ, गेहूं, फल, फूल, स्वर्ण, मिट्टी, चांदी, मक्खन, हीरे, मणि, दही, मूंगा, पार्थिव, नाग, तांबा, लहसुनिया, इंद्रनील, पद्मराग, पुखराज, स्फटिक आदि द्वारा निर्मित शिवलिंग।
प्रत्येक शिवलिंग के अलग-अलग नाम रखे गए तथा अलग-अलग मनोकामना हेतु शिवलिंग का निर्माण किया गया।
शिवलिंग निर्माण के बाद शिवलिंग को बहुत सारी श्रेणियों में बांटा गया, जैसे की –
- देवलिंग,
- असुरलिंग,
- अर्शलिंग,
- पुराणलिंग,
- मनुष्यलिंग,
- स्वयंभूलिंग
आइये अब जान लेते है, चावल, जौ तथा गेहूं से बने शिवलिंग के लाभ के बारे में :
चावल, जौ तथा गेहूं से बने शिवलिंग के 7 चमत्कारी लाभ :
- पारिवारिक समृद्धि के लिए शिवलिंग की पूजा :
प्रत्येक सोमवार यदि आप विधिवत तरीके से चावल, जौ तथा गेहूं से बने शिवलिंग की पूजा करते है तो आपके पारिवारिक समृद्धि में बढ़ोतरी होगी।
- संतान प्राप्ति के लिए शिवलिंग की पूजा :
जो दंपत्ति संतान सुख से वंचित है और जन्म कुंडली में किसी भी ग्रह के कारण मात्र या पितृ सुख प्राप्त नहीं कर पा रहें वो यदि चावल, जौ या गेहूं से बने शिवलिंग की पूरी विधि और विधान से पूजा करें तो संतान जन्म की सारी बाधाएं खत्म हो जाती है ।
- दाम्पत्य सुख लिए शिवलिंग की पूजा :
यदि किसी के विवाहित जीवन में अड़चनें आ रही है और दाम्पत्य सुख में कमी हो रही है तो प्रत्येक सोमवार चावल, जौ तथा गेहूं से बने शिवलिंग की पूरी विधि और विधान से पूजा करें। ऐसा करने से दाम्पत्य सुख में वृद्धि अवश्य होगी। यदि आपकी जन्म कुंडली में सप्तम भाव पर या द्वादश भाव पर पाप ग्रहों की दृष्टि है तब भी आप चावल, जौ तथा गेहूं से बने शिवलिंग की पूजा करके दाम्पत्य सुख को पा सकते है।
- घर की सुख शांति लिए शिवलिंग की पूजा :
यदि आपके घर में अकारण ही लड़ाई, झगड़ें हो रहे है तो सोमवार के दिन चावल, जौ तथा गेहूं से बने शिवलिंग की पूजा करें और शिव चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से घर में सुख शांति का आगमन होगा।
- आर्थिक समस्या के लिए शिवलिंग की पूजा :
चावल, जौ तथा गेहूं से बने शिवलिंग की पूजा मात्र किसी एक विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए ही नहीं बल्कि इसकी पूजा से धन संपत्ति में भी बढ़ोतरी होती है और आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है।
- चावल, जौ तथा गेहूं के मिश्रण से बने शिवलिंग की पूजा :
यदि आप चावल, जौ तथा गेहूं को एक समान अनुपात में मिलाकर आटा तैयार करें और उस आटे से शिवलिंग का निर्माण करें तो इस प्रकार बने शिवलिंग की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि आती है तथा रोगों से छुटकारा मिल जाता है।
- चन्द्रमा को मजबूत करने के लिए शिवलिंग की पूजा :
यदि आपकी जन्म कुंडली में चन्द्रमा कमजोर है तो आप चावल, जौ तथा गेहूं से बने शिवलिंग की पूजा कर सकते है। इस प्रकार के शिवलिंग की पूजा से चंद्र देव अति प्रसन्न होकर शुभ फल देते है और जन्म कुंडली में स्थित चंद्र से संबंधित दोष भी दूर हो जाते है ।
शिवलिंग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी :
ऊपर बताए गए पदार्थों से बने शिवलिंग को “यवगोधूमशालिज लिंग“ कहा जाता है। इस प्रकार तैयार किये गए शिवलिंग की पूजा संतान सुख तथा श्री पुष्टि के लिए की जाती है। इस प्रकार के शिवलिंग की पूजा कम से कम 11 सोमवार जरूर करें या फिर श्रावण माह में प्रत्येक दिन भी कर सकते है। पुरानी मान्यता के अनुसार श्रावण माह में इस शिवलिंग की पूजा से पुत्र प्राप्ति के योग बनते है। शिवलिंग की पूजा आप दूध और बेलपत्र से करें और शिव चालीसा तथा शिव तांडव स्त्रोत का पाठ अवश्य करें।
Frequently Asked Questions
1. क्या शिवलिंग सिर्फ पत्थर के होते है ?
जी नहीं, शिवलिंग अलग-अलग पदार्थ, रत्न तथा धातुओं द्वारा निर्मित होते है।
2. पारे से बने शिवलिंग को क्या कहा जाता है?
पारे से बने शिवलिंग को पारद शिवलिंग कहा जाता है।
3. पुत्र प्राप्ति के लिए किस पदार्थ से बने शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए?
पुत्र प्राप्ति के लिए चावल, जौ तथा गेहूं से बने शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए।
4. चावल, जौ तथा गेहूं से बने शिवलिंग की पूजा किस दिन करनी चाहिए?
चावल, जौ तथा गेहूं से बने शिवलिंग की पूजा सोमवार को करने से उचित और शीघ्र फलों की प्राप्ति होती है।
5. चावल, जौ तथा गेहूं से बने शिवलिंग की पूजा कितने सोमवार करना चाहिए?
चावल, जौ तथा गेहूं से बने शिवलिंग की पूजा कम से कम 11 सोमवार करना चाहिए।