चित्रकूट के घाट घाट पर | Chitrakoot Ke Ghat Ghat Par | Free PDF Download
चित्रकूट के घाट घाट पर,
शबरी देखे बाट, राम मेरे आ जाओ
राम मेरे आ जाओ, राम मेरे आ जाओ
चित्रकूट के घाट घाट पर,,,,,,,,,,
अपने राम जी को, कहाँ मैं बिठाऊँ
टूटा फूटा खाट खाट पर, विछा पुराना टाट,
राम मेरे आ जाओ
राम मेरे आ जाओ, राम मेरे आ जाओ
चित्रकूट के घाट घाट पर,,,,,,,,,,
अपने राम जी को, क्या मैं खिलाऊँ
छोटे छोटे पेड़ पेड़ पर, लगे सुनहरे बेर,
राम मेरे आ जाओ
राम मेरे आ जाओ, राम मेरे आ जाओ
चित्रकूट के घाट घाट पर,,,,,,,,,,
अपने राम जी को, कैसे रिझाऊँ
दीन हीन मोहे जान, ना ही कोई, भक्ति ना ही ज्ञान,
राम मेरे आ जाओ
राम मेरे आ जाओ, राम मेरे आ जाओ
चित्रकूट के घाट घाट पर,,,,,,,,,,
अपने राम जी के, चरण पखारूँ
नैन से व्हे जो नीर, नीर है सुरसर जैसे तीर,
राम मेरे आ जाओ
राम मेरे आ जाओ, राम मेरे आ जाओ
चित्रकूट के घाट घाट पर,,,,,,,,,,
अपने राम जी को, झूला मैं झुलाऊँ
हरे भरे हैं पेड़, पेड़ पर झूले सीता राम,
राम मेरे आ जाओ
राम मेरे आ जाओ, राम मेरे आ जाओ
चित्रकूट के घाट घाट पर,,,,,,,,,,
टूटा फूटा खाट खाट पर, विछा पुराना टाट,
राम मेरे आ जाओ
छोटे छोटे पेड़ पेड़ पर, लगे सुनहरे बेर,
राम मेरे आ जाओ
दीन हीन मोहे जान, ना ही कोई, भक्ति ना ही ज्ञान,
राम मेरे आ जाओ
नैन से व्हे जो नीर, नीर है सुरसर जैसे तीर,
राम मेरे आ जाओ
हरे भरे हैं पेड़, पेड़ पर झूले सीता राम,
राम मेरे आ जाओ,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अपलोड कर्ता- अनिल रामूर्ति भोपाल बाघीओ वाले