धन लक्ष्मी : चमत्कारिक मंत्र तथा देवी धन लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय (Dhan Lakshmi : Chamatkarik Mantra Ttha Devi Dhan Lakshmi Ko Prsann Karne Ke Upay)
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सनातन धर्मशास्त्रों में कई देवियों के बारे में वर्णन किया गया है। प्रत्येक देवी का वर्णन अलग-अलग कार्य के लिए तथा विशेषताओं के साथ वर्णन किया गया है। सारी देवियों में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त है “त्रिदेवियों” को अर्थात माता लक्ष्मी, माता सरस्वती और माता पार्वती। इस गाइड में हम “माता लक्ष्मी” के अवतारों तथा स्वरूपों के बारे में जानेंगे। माता लक्ष्मी के 8 अवतार है, जो इस प्रकार है :
- देवी “महालक्ष्मी” जो “बैकुंठ” में निवास करती है।
- देवी “स्वर्गलक्ष्मी“ स्वर्ग लोक में निवास करती है।
- देवी “राधाजी“ गोलोक में निवास करती है।
- देवी “दक्षिणा“ यज्ञ में निवास करती है।
- देवी “गृहलक्ष्मी“ प्रत्येक गृह में निवास करती है।
- देवी “शोभा“ प्रत्येक वस्तु में निवास करती है।
- देवी “सुरभि“ (रुक्मणी) गोलोक में निवास करती है।
- देवी “राजलक्ष्मी“ (सीता) पाताल अथवा भूलोक में निवास करती है।
माता लक्ष्मी के अष्ट रूपों को अष्टलक्ष्मी कहते है। माता लक्ष्मी के 8 स्वरूप इस प्रकार है :
1. आदिलक्ष्मी
2. धनलक्ष्मी
3. धान्यलक्ष्मी
4. गजलक्ष्मी
5. संतानलक्ष्मी
6. वीरलक्ष्मी
7. विजयलक्ष्मी
8. विद्यालक्ष्मी
आज हम इस गाइड में बात करेंगे माता धन लक्ष्मी के बारे में, तो चलिए शुरू करते है :
धन लक्ष्मी कौन है?(Dhan Lakshmi koun Hai?)
माता धन लक्ष्मी, देवी लक्ष्मी का ही एक स्वरूप तथा भगवान विष्णु की धर्मपत्नी है। माता धन लक्ष्मी कमल वन में निवास करती है । इनके दो हाथों में कमल के पुष्प होते है तथा अन्य दोनों हाथों से धन बरसाती है। माता लक्ष्मी अपने भक्तों के आर्थिक समस्या तथा दरिद्रता का नाश कर उन्हें धन संपदा से भर देती है। देवी धन लक्ष्मी ने ही देवताओं के राजा “इंद्र देव” तथा देवताओं के धन संपदा के रक्षक “कुबेर” को ‘राजसी सत्ता’ तथा वैभव प्रदान किया है।
माता लक्ष्मी का नाम “धन लक्ष्मी ” कैसे पड़ा ?(Mata Lakshmi Ka Naam “Dhan Lakshmi” Kaise Para?)
माता लक्ष्मी का नाम “धन लक्ष्मी ” पड़ने के पीछे एक पौराणिक कथा है जो इस प्रकार है :
एक बार की बात है, “भगवान विष्णु” ने देवताओं के खजानें के रक्षक “कुबेर” से कर्ज में बहुत सारा धन लिए थे जिसे भगवान विष्णु निश्चित समय के अंदर नहीं चूका पाए थे और तब देवी लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को कर्ज से मुक्ति दिलवायी और इसी कारण माता लक्ष्मी का नाम “धन लक्ष्मी” पड़ा।
माता धन लक्ष्मी की पूजा से प्राप्त फल :
- माता धन लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक परेशानी तथा दरिद्रता का नाश होता है।
- धन लक्ष्मी की पूजा से कर्ज से मुक्ति मिल जाती है ।
- धन लक्ष्मी की पूजा करने से धन आगमन के सारे मार्ग खुल जाते है।
- माता धन लक्ष्मी के सामने घी के ९ दिए जलाने से धन योग बनते है ।
माता धन लक्ष्मी का चमत्कारिक मंत्र तथा पूजन विधि :
माता धन लक्ष्मी का चमत्कारिक मंत्र :
।। ॐ धनलक्ष्म्यै नम।।
माता धन लक्ष्मी की पूजन विधि :
माता धन लक्ष्मी की पूजा घर अथवा मंदिर में करें। धन लक्ष्मी देवी की पूजा शांत वातावरण में करना चाहिए। देवी धन लक्ष्मी को कमल के पुष्प अर्पण करके मीठा अथवा खीर का भोग लगाए। देवी धन लक्ष्मी की पूजा में इत्र तथा सुगन्धित पुष्प जरूर चढ़ाएं। इसके साथ ही तुलसी के पौधे के सामने दिया जलाएं ।
देवी धन लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय :
देवी धन लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक शुक्रवार सच्चे मन से देवी की पूजा करें तथा यहाँ बताए गए उपायों के द्वारा माता धन लक्ष्मी को प्रसन्न कर अपनी आर्थिक परेशानी तथा कर्ज जैसी समस्याओं से छुटकारा पाएं, तो आइये जान लेते है इन उपायों के बारे में :
1. शुक्रवार के दिन माता धन लक्ष्मी की पूजा करें तथा इस दिन मीठा खाये और खट्टी चीजें भूल से भी ना खाएं।
2. शुक्रवार को माता धन लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं तथा परिवार में प्रत्येक सदस्य को इस खीर का प्रसाद खिलाएं। इससे परिवार में प्रेम तथा धन का आगमन होगा।
3. माता धन लक्ष्मी की पूजा करते समय कपूर से आरती करें तथा पूरे घर में आरती को दिखाएँ। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जायेगी और घर में होने वाले झगड़ों और कलेश का नाश होगा ।
4. शुक्रवार को माता धन लक्ष्मी की पूजा के बाद किसी को भी पैसे उधार में न दें। इस दिन उधार दी गयी राशि कभी भी वापस नहीं मिलती ।5. माता धन लक्ष्मी की पूजा करते समय घर के सारे दरवाजे खोल कर रखें तथा लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करें।
Frequently Asked Questions
1. अष्टलक्ष्मी कौन है ?
अष्टलक्ष्मी, माता लक्ष्मी के 8 रूप है ।
2. देवी महालक्ष्मी का निवास स्थान कहाँ है ?
देवी महालक्ष्मी का निवास स्थान “बैकुंठ“ में है।
3. किस देवी का अन्य नाम राजलक्ष्मी है ?
देवी राजलक्ष्मी माता सीता का दूसरा नाम है।
4. देवी सुरभि का निवास स्थान कहाँ है ?
देवी सुरभि का निवास स्थान “गोलोक” में है।
5. देवी दक्षिणा का निवास स्थान कहाँ है ?
देवी दक्ष्णीनां का निवास स्थान “यज्ञ“ है।
6. माता धन लक्ष्मी का चमत्कारी मंत्र कौन सा है ?
माता धन लक्ष्मी का चमत्कारिक मंत्र “।।ॐ धनलक्ष्म्यै नम।।“