यात्रा से पहले जानें दिशा शूल तथा दिशा शूल से बचाव के उपाय (Yatra Se Pahle Jane Disha Shool Tatha Disha Shool Se Bachav Ke Upay)
प्रत्येक व्यक्ति को अपने कार्य पूर्ति हेतु अलग-अलग दिशाओं में यात्राएं करनी पड़ती है। कभी कोई इंसान किसी धार्मिक कार्य के लिए यात्रा करता है तो कोई व्यक्ति मांगलिक कार्य के लिए। कुछ व्यक्ति पढाई या नौकरी के लिए तो कुछ दुनिया की शैर करने के लिए। हर व्यक्ति सुखद यात्रा का स्वप्न लेकर ही घर से बहार निकलता है परन्तु ये यात्राएं कभी कभी तो शुभ तो अभी अशुभता से भरी कष्टपूर्ण साबित होती है। लेकिन, कुछ भी यूँ ही नहीं होता, इसके पीछे जिम्मेदार है “दिशाशूल” (Disha Shool) और सभी को यात्रा से पहले दिशाशूल का ज्ञान होना अति आवश्यक है और साथ ही साथ दिशाशूल उपाय (Disha Shool Upay) का ज्ञान होना भी उतना ही आवश्यक है। तो, आइये दिशाशूल से जुडी कुछ जरुरी बातों को जान लें :
दिशाशूल किसे कहते है? ( (Disha Shool Kise Kahte Hai?)
हिन्दू काल गणना तथा वैदिक ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक दिन किसी न किसी दिशा में यात्रा वर्जित है, और इसे ही “दिशाशूल” कहते है।
परन्तु, यदि किसी कारणवश यात्रा को टाला नहीं जा सकता है, तो कुछ दिशाशूल उपाय ऐसे भी जिन्हें करके यात्रा की जा सकती है और यात्रा में होने वाली अशुभता से बचा जा सकता है।
किस दिन – किस दिशा में यात्रा करना वर्जित (मनाही) है?
हिन्दू काल गणना तथा वैदिक ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक दिन किसी न किसी दिशा में यात्रा करने की मनाही है। आइये जानते है, प्रत्येक दिन के हिसाब से किस दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए :
सोमवार – पूर्व दिशा, दक्षिण-पूर्व (आग्नेय) दिशा
मंगलवार – उत्तर दिशा, उत्तर-पश्चिम (वायव्य) दिशा
बुद्धवार – उत्तर दिशा, उत्तर-पूर्व (ईशान) दिशा
गुरुवार – दक्षिण दिशा, दक्षिण-पूर्व (आग्नेय) दिशा
शुक्रवार – पश्चिम दिशा, दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) दिशा
शनिवार – पूर्व दिशा, उत्तर-पूर्व (ईशान) दिशा
रविवार – पश्चिम दिशा, दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) दिशा
दिशाशूल से बचाव के उपाय : (Disha Shool Se Bachav Ke Upay)
हिन्दू काल गणना तथा वैदिक ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक दिन किसी न किसी दिशा में यात्रा करने की मनाही तो है, परन्तु दिशाशूल से बचाव के उपाय भी उपलब्ध है, जिन्हें करके हम अपने यात्रा को बिना किसी भी विघ्न के पूरी कर सकते है। ये उपाय प्रत्येक दिन जिस भी दिशा में यात्रा करनी है उसके अनुरूप यहाँ बताई गई है, जो निम्नलिखित है :
सोमवार – यदि किसी भी कारणवश सोमवार के दिन पूर्व दिशा या दक्षिण–पूर्व (आग्नेय) दिशा की यात्रा करनी पड़ जाए तो, सोमवार के दिन “दर्पण” में अपना चेहरा देखकर ही बाहर निकलें, इससे दिशाशूल का दोष खत्म हो जाता है परन्तु घर से बाहर निकलने से पहले, 5 कदम पीछे चले फिर अपने मंजिल के तरफ बढ़ जाएँ।
मंगलवार – यदि किसी भी कारणवश मंगलवार के दिन उत्तर दिशा या उत्तर–पश्चिम (वायव्य) दिशा की यात्रा करनी पड़ जाए तो, मंगलवार के दिन “गुड़” खाकर बाहर निकलें, इससे दिशाशूल का दोष खत्म हो जाता है परन्तु घर से बाहर निकलने से पहले, 5 कदम पीछे चले फिर अपने मंजिल के तरफ बढ़ जाएँ।
बुद्धवार – यदि किसी भी कारणवश बुद्धवार के दिन उत्तर दिशा या उत्तर–पूर्व (ईशान) दिशा की यात्रा करनी पड़ जाए तो, बुद्धवार के दिन “तिल या फिर धनिया” खाकर बाहर निकलें, इससे दिशाशूल का दोष खत्म हो जाता है परन्तु घर से बाहर निकलने से पहले, 5 कदम पीछे चले फिर अपने मंजिल के तरफ बढ़ जाएँ।
गुरुवार – यदि किसी भी कारणवश गुरुवार के दिन दक्षिण दिशा या दक्षिण–पूर्व (आग्नेय) दिशा की यात्रा करनी पड़ जाए तो, गुरुवार के दिन “दही या जीरा” खाकर बाहर निकलें, इससे दिशाशूल का दोष खत्म हो जाता है परन्तु घर से बाहर निकलने से पहले, 5 कदम पीछे चले फिर अपने मंजिल के तरफ बढ़ जाएँ।
शुक्रवार – यदि किसी भी कारणवश शुक्रवार के दिन पश्चिम दिशा या दक्षिण–पश्चिम (नैऋत्य) दिशा की यात्रा करनी पड़ जाए तो, शुक्रवार के दिन “दही शक्कर” खाकर बाहर निकलें, इससे दिशाशूल का दोष खत्म हो जाता है परन्तु घर से बाहर निकलने से पहले, 5 कदम पीछे चले फिर अपने मंजिल के तरफ बढ़ जाएँ।
शनिवार – यदि किसी भी कारणवश शनिवार के दिन पूर्व दिशा या उत्तर–पूर्व (ईशान) दिशा की यात्रा करनी पड़ जाए तो, शनिवार के दिन “अदरक, तिल या उड़द” खाकर बाहर निकलें, इससे दिशाशूल का दोष खत्म हो जाता है परन्तु घर से बाहर निकलने से पहले, 5 कदम पीछे चले फिर अपने मंजिल के तरफ बढ़ जाएँ।
रविवार – यदि किसी भी कारणवश रविवार के दिन पश्चिम दिशा या दक्षिण–पश्चिम (नैऋत्य) दिशा की यात्रा करनी पड़ जाए तो, रविवार के दिन “घी, पान या दलीया” खाकर बाहर निकलें, इससे दिशाशूल का दोष खत्म हो जाता है परन्तु घर से बाहर निकलने से पहले, 5 कदम पीछे चले फिर अपने मंजिल के तरफ बढ़ जाएँ।
Frequently Asked Questions
1. सोमवार को किस दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए?
सोमवार को पूर्व दिशा, दक्षिण–पूर्व (आग्नेय) दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए।
2. मंगलवार को किस दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए?
मंगलवार को उत्तर दिशा, उत्तर–पश्चिम (वायव्य) दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए।
3. दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) दिशा में किस दिन यात्रा नहीं करनी चाहिए?
दक्षिण–पश्चिम (नैऋत्य) दिशा में रविवार और शुक्रवार को यात्रा नहीं करनी चाहिए।
4. रविवार को किस दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए?
रविवार को पश्चिम दिशा, दक्षिण–पश्चिम (नैऋत्य) दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए।
5. उत्तर-पूर्व (ईशान) दिशा में शनिवार को क्या खाकर जाना चाहिए?
शनिवार के दिन उत्तर–पूर्व (ईशान) दिशा की यात्रा करनी पड़ जाए तो, “अदरक, तिल या उड़द” खाकर बाहर निकलें।