गृह निर्माण या घर बनाना: कौन से योग अर्थात दिन, मुहूर्त, चौघड़ियों में शुरू करना चाहिए (Grih Nirman Ya Ghar Banana: Kaun Se Yog Arthat Din, Muhurt, Choughadiyon Me Shuru Karna Chahiye)
सनातन धर्म और ज्योतिष शास्त्र में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले शुभ ग्रहों का योग अर्थात किसी भी दिन के समय में पड़ने वाले शुभ मुहूर्त देखने का अपना एक अलग महत्व है। इन्हीं शुभ कार्यों में से एक है “गृह निर्माण“ की शुरुवात करना। गृह निर्माण प्रारम्भ करने से पहले वार, मुहूर्त, चौघड़ियों को जान लेना चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी ग्रह बाधा से पीड़ित ना होना पड़े। तो, आइये इस बारे में अच्छे से जान लेते है :
गृह निर्माण या घर बनाने के लिए शुभ दिन (Grih Nirman Ya Ghar Banane Ke Liye Shubh Din) :
किसी भी सप्ताह के ‘सोमवार’, ‘गुरुवार’ और ‘शनिवार’ को गृह निर्माण का कार्य प्रारम्भ कर सकते है। परन्तु, रविवार और मंगलवार को गृह निर्माण प्रारम्भ ना करें।
गृह निर्माण के लिए शुभ महीना (Grih Nirman Ya Ghar Banane Ke Liye Shubh mahina ) :
हिन्दू धर्म पंचांग अनुसार ‘फाल्गुन’, ‘वैशाख, माघ’, ‘श्रवण’ और ‘कार्तिक’ महीनों में गृह निर्माण का कार्य प्रारम्भ कर सकते है। इन महीनों में गृह निर्माण का कार्य शुरू करना शुभ फलदायक होता है।
गृह निर्माण के लिए शुभ नक्षत्र (Grih Nirman Ya Ghar Banane Ke Liye Shubh Nakshatra ) :
वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुल 27 नक्षत्र है, जिनमें ‘कार्तिक माह‘ का पुष्य नक्षत्र सबसे शुभ नक्षत्र मुहूर्त है जिसमे गृह निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जाता है परन्तु ज्येष्ठा, रेवती और मूल नक्षत्र में गृह निर्माण कार्य भूल से भी शुरू न करें – इन नक्षत्रों में गृह निर्माण वर्जित है। इन नक्षत्रों के अलावा और भी ऐसे नक्षत्र है जिनमें गृह निर्माण शुरू की जा सकती है, जैसे की – अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, उत्तराषाढ़ा, श्रावण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद और रेवती।
गृह निर्माण के लिए शुभ योग :
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कुछ योगों को छोड़कर अन्य सभी योगों में गृह निर्माण को शुभ माना जाता है पर वज्र, व्याघात, शूल, व्यतिपात, गंड, अतिगंड, विषकुंभ, परिध और वैधृति योगों में गृह निर्माण का कार्य प्रारम्भ ना करें।
गृह निर्माण के लिए शुभ चौघड़िया :
काल गड़ना तथा हिन्दू धर्म पंचांग अनुसार शुभ चौघड़ियों के स्वामी देव गुरु बृहस्पति है। ‘अमृत‘ के स्वामी चंद्रदेव तथा लाभ के बुद्ध देव है।
गृह निर्माण के लिए शुभ मुहूर्त : (Grih Nirman Ke Liye Shubh Muhurt)
काल गड़ना तथा हिन्दू धर्म पंचांग के अनुसार, मुहूर्त के दो प्रकार है – एक शुभ मुहूर्त और दूसरा अशुभ मुहूर्त। शुभ मुहूर्त को ग्राह्य समय तथा अशुभ मुहूर्त को अग्राह्य समय कहा जाता है। मुहूर्त में 15 शुभ मुहूर्त तथा 15 अशुभ मुहूर्त होते है।
शुभ मुहूर्त – अमृत/जीव, ब्रह्म, श्वेत, मित्र, सारभट, सावित्र, वैराज, विश्वावसु, अभिजित, रोहिण, बल, विजय, नैरऋत, वरुण सौम्य और भग। इनमें “ब्रह्म मुहूर्त” तथा “अमृत/जीव मुहूर्त” सर्वश्रेष्ठ और अत्यंत शुभ फलदायी होते है। इन मुहूर्तों को छोड़कर अन्य सभी मुहूर्तों को अशुभ माना गया है।
रविवार के दिन 14वां, सोमवार को 12वां, मंगलवार को 10वां, बुधवार को 8वां, गुरुवार का 6टा, शुक्रवार के दिन चौथा और शनिवार को दूसरा मुहूर्त कुलिक “शुभ कार्यों” के लिए वर्जित हैं।
प्रत्येक दिन के कुल 30 मुहूर्तों में शुभ मुहूर्त इस प्रकार है – रुद्र, श्वेत, मित्र, सारभट, सावित्र, वैराज, विश्वावसु, अभिजित, रोहिण, बल, विजय, र्नेत, वरुण सौम्य और भग ये 15 मुहूर्त है।
गृह निर्माण के लिए अति शुभ योग :
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि – शनिवार के दिन स्वाति नक्षत्र, सिंह लग्न के शुक्ल पक्ष के सप्तमी तिथि तथा श्रावण माह का शुभ योग बन रहा हो तो ऐसे शुभ योग में बनने वाला घर, दैवी कृपा से परिपूर्ण होता है जो प्रत्येक रूप से सुख, आनंद तथा धन प्रदान करने वाला होता है ।
गृह निर्माण के लिए शुभ तिथि : (Grih Nirman Ya Ghar Banane Ke Liye Shubh Tithi)
वैदिक ज्योतिष अनुसार 30 तिथियों को 5 भागों में बांटा गया है। जो की इस प्रकार है :
1.नंदा,
2. भद्रा,
3.जया,
4.रिक्ता
5.पूर्णा
यह तिथियों के 5 भाग हैं। दोनों पक्ष – कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की प्रथम, 6वीं तथा 11वीं तिथि अर्थात प्रतिपदा, षष्ठी तथा एकादशी तिथियां “नन्दा तिथि“ के नाम से जानी जाती हैं। इन्हीं तिथियों के अंतिम “प्रथम घटी“ या अंतिम 24 मिनट को छोड़कर अन्य सभी में मांगलिक कार्यों को संपन्न करने की अनुमति दी गयी है।
”पूर्णा तिथियां” : कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष कि 5वीं, 10वीं तथा 15वीं तिथि अर्थात पंचमी, दशमी तथा पूर्णिमा और अमवस्या “पूर्णा तिथि“ कहलाती हैं। इन तिथियों में अमवस्या को छोड़कर अन्य दिनों में अंतिम के “1 घटी या 24 मिनट” पहले तक सभी प्रकार के मंगलिक कार्यों को संपन्न करने की अनुमति दी गयी है।
“प्रतिपदा, चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी, अमावस्या तिथि में गृह निर्माण ना करें।”
सूर्य राशि भ्रमण के अनुसार गृह निर्माण मुहूर्त : (Surya Rashi Vraman Ke Anusar Grih Nirman Muhurt)
1. मेष राशि में सूर्य हो तो गृह निर्माण करना अत्यंत शुभ फलदायक होता है।
2. वृषभ राशि में सूर्य हो तो संपत्ति तथा आर्थिक लाभ की पर्पटी होती है ।
3. मिथुन राशि में सूर्य हो तो गृह स्वामी या घर के किसी बुजुर्ग इंसान को कष्ट झेलना पड़ सकता है ।
4. कर्क राशि में सूर्य हो तो धन का आगमन होगा ।
5. सिंह राशि में सूर्य हो तो यश तथा कीर्ति, सेवकों से सुख प्राप्त होगा।
6. कन्या राशि में सूर्य हो तो रोग हो जाना।
7. तुला राशि में सूर्य हो तो अत्यंत सुखदायक होगा।
8. वृश्चिक राशि में सूर्य हो तो धन की प्रचुरता होगी ।
9. धनु राशि में सूर्य हो तो हानि तथा विनाश का कारण बनेगा।
10. मकर राशि में सूर्य हो तो धन-संपदा की प्राप्ति होगी।
11. कुंभ राशि में सूर्य हो तो रत्न तथा अन्य धातु लाभ होगा।12. मीन राशि में सूर्य हो तो नुकसानदायक होगा।
Frequently Asked Questions
1. गृह निर्माण के लिए शुभ वार कौन से है?
गृह निर्माण के लिए शुभ वार – ‘सोमवार‘, ‘गुरुवार‘ और ‘शनिवार‘ है।
2. गृह निर्माण के लिए शुभ माह कौन से है?
गृह निर्माण के लिए शुभ माह – ‘फाल्गुन‘, ‘वैशाख, माघ‘, ‘श्रवण‘ और ‘कार्तिक‘ है।
3. शुभ चौघड़ियों के स्वामी कौन है ?
शुभ चौघड़ियों के स्वामी देव गुरु बृहस्पति है।
4. मेष राशि में सूर्य हो तो घर बनाने पर कैसा फल मिलेगा ?
मेष राशि में सूर्य हो तो – घर बनाना अत्यंत शुभ फलदायक होता है।
5. मीन राशि में सूर्य हो तो घर बनाने पर कैसा फल मिलेगा ?
मीन राशि में सूर्य हो तो – घर बनाना नुकसानदायक होगा।