गुरु चांडाल योग और उसके उपाय (Guru Chandal Yog Aur Uske Upay)
गुरु चांडाल दोष के विषय में तो आप सबने जरूर सुना होगा लेकिन गुरु चांडाल योग (guru chandal yoga) के बारे में बहुत कम लोग जानते है। आप ये तो जानते होंगें की गुरु चांडाल दोष मनुष्य के जीवन में अनेकों तरह के बुराइयों को जन्म देता है और तो और इसके कारण जातक या जातिका के जीवन में उथल-पुथल ही मची रहती है, किन्तु “गुरु चांडाल” के प्रभाव से जिंदगी सुधरती भी है साथ ही साथ इसके अनेकों फायदें भी है। यदि ग्रहों की स्थिति के कारण आपके जन्म कुंडली में “गुरु चांडाल योग” बन रहा है तो आपको इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है।
आप पुरुष हों या स्त्री आपके जन्म कुंडली में यदि गुरु चांडाल योग है तो आपको इसका फल अवश्य मिलेगा। वैसे, आमतौर पर पुरुष और स्त्री की कुंडली (guru chandal yoga in female horoscope) पर गुरु चांडाल योग का प्रभाव एक जैसा ही होता है। इस दोष को दूर करने के कई उपाय भी है, जो आज हम आपको बताएंगे पर उससे पहले आइये जान लेते हैं गुरु चांडाल योग से जुड़ी कुछ जरुरी बातें :
किन ग्रहों द्वारा बनता है जन्म कुंडली में गुरु चांडाल दोष और योग?
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, किसी भी व्यक्ति के जन्म कुंडली में यदि “गुरु” अर्थात “बृहस्पति” के साथ “राहु” व “केतु” एक साथ बैठ जाए या दोनों ग्रह किसी भी तरह से एक दूसरे को देख रहे हों या दृष्टि सम्बन्ध बना रहे हों, तो उस व्यक्ति के जन्म कुंडली में जिस दोष या योग का निर्माण होता है, उसे ही ज्योतिष के दुनिया में “गुरु चांडाल दोष” या “योग” कहते है।
किन्तु, यदि आपके जन्म कुंडली में “गुरु” और “राहु” या “गुरु” और “केतु” ने गुरु चांडाल योग का निर्माण किया या दोष का, यह तो इस बात पर निर्भर करता है की “गुरु” तथा “राहु” या “केतु” की जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति क्या है और दोनों की डिग्रियां क्या है?
अगर आपकी जन्म कुंडली में गुरु राहु या गुरु केतु द्वारा गुरु चांडाल दोष का निर्माण हो रहा हो तो आप उस दोष को कैसे दूर कर सकते है उसके उपाय यहाँ बताये जा रहें हैं :
गुरु चांडाल दोष से मुक्ति :
गुरु चांडाल दोष से मुक्ति पाने के लिए ज्योतिष में बहुत सारे तरीके बताये गए है, जो की निम्नलिखित है :
गुरु चांडाल दोष पूजा :
गुरु चांडाल योग या दोष से मुक्ति के लिए जो अति आवश्यक है वो है “गुरु चांडाल दोष” की पूजा। इस पूजा द्वारा गुरु चांडाल के वजह से बिगड़े स्वास्थ्य में सुधार होगा इसके अलावा करियर के क्षेत्र में आनेवाली सभी बाधाएं भी समाप्त होंगी, साथ ही साथ रिश्तों में भी प्रेम की बढ़ोतरी होगी।
नीलम :
ऐसा माना जाता है की गुरु चांडाल दोष से मुक्ति पाने के लिए नीलम रत्न पहनना बहुत ही शुभ फलदायक है।
गुरुदेव या बुजुर्गों से सलाह लेना :
गुरु चांडाल दोष से मुक्ति पाने के अनेकों उपायों में से एक है गुरु या बुजुर्गों से सलाह लेना। ऐसा करने से जीवन के कठिन से कठिन रास्तों से भी आप शीघ्र से शीघ्र सफलतापूर्वक बाहर निकल जाएंगे। अपने से बड़ों का हमेशा सम्मान करे जिससे जन्म कुंडली में गुरु मजबूत हो जायेगा तथा शुभफल भी प्रदान करेगा।
भगवान विष्णु की आराधना :
गुरु चांडाल दोष से मुक्ति के लिए आप हर दिन सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा-आराधना करें। जन्म कुंडली में गुरु ग्रह के स्थान अथवा भाव के स्वामी भगवान विष्णु है इसलिए आप भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें केसर और हल्दी का तिलक लगाएं तथा गुरुवार के दिन “गजेन्द्र मोक्ष” और “विष्णु सहस्त्रनाम” का पाठ करें।
गुरु चांडाल दोष के उपाय :
- बृहस्पतिवार के दिन राहु नक्षत्र व केतु नक्षत्र में रात्रि के समय राहु, केतु और गुरु के मंत्रों का जप अवश्य करें। राहु ग्रह के “नक्षत्र” इस प्रकार है : “आद्रा नक्षत्र”, “स्वाति नक्षत्र” और “शतभिषा नक्षत्र”। केतु ग्रह के “नक्षत्र” इस प्रकार है : “अश्विनी नक्षत्र”, “मघा नक्षत्र” और “मूल नक्षत्र”।
- माथे पर प्रत्येक दिन चन्दन, हल्दी, केसर का टीका लगाएं।
- बृहस्पतिवार को व्रत रखें और रात में माँ दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें।
- प्रातःकाल किसी भी नदी या तालाब की मछलियों को साबुत मुंग या फिर उड़द की दाल खिलाएं।
- पीले वस्तु, पीले फल, पीले कपड़ें आदि का दान जरूर करें और पीले कपड़े धारण करें।
- हमेशा उत्तम चरित्र का पालन करें।
Frequently Asked Questions
1. गुरु चांडाल योग अथवा दोष का निर्माण किन ग्रहों के सम्बन्ध से होता है?
गुरु तथा राहु या केतु के बीच दृष्टि सम्बन्ध बनने से “गुरु चांडाल दोष” अथवा योग का निर्माण होता है।
2. कितने डिग्री के अंतर पर गुरु चांडाल दोष को नहीं माना जाता?
गुरु चांडाल दोष तब अमान्य हो जाता है जब ग्रहों के मध्य “10 डिग्री” का अंतर हो।
3. किस ईश्वर की पूजा-आराधना करने से गुरु चांडाल दोष का निवारण होता है?
भगवान विष्णु की पूजा-आराधना करने से “गुरु चांडाल दोष” का निवारण होता है।
4. क्या गुरु के साथ राहु या केतु की युति अशुभ मानी जाती है?
जी नहीं, ऐसा नहीं है, यह पुरे तरह से जन्म कुंडली में “गुरु, राहु और केतु” की स्थिति पर निर्भर करता है और यह शुभ भी हो सकता है।