हनुमान जी को प्रसन्न करे : रक्षा कवच, प्रेत बाधा तथा अन्य चमत्कारिक मंत्र (Hanuman Ji Ko Prasann Kare : Raksha Kawach, Pret Badha Ttha Anya Chamatkarik Mantra)
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श्री राम भक्त हनुमान या यूँ कह सकते है भगवान शिव के अवतार महाबली हनुमान जो इस संसार में आज भी अमर है। जिनके जन्म कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर हो, वो हनुमान जी को प्रसन्न करके कुंडली में मंगल ग्रह के वजह से मिलने वाले लाभों को प्राप्त कर सकते है बस चाहिए तो सच्चा मन और सच्ची श्रद्धा के साथ में की गयी पूजा से ईश्वर प्रसन्न होते है परन्तु कुछ ऐसे भी मंत्र है जिनका नित्य पाठ करके हम हनुमान जी को प्रसन्न कर सकते है।
हनुमान जी को प्रसन्न करने के मंत्रों में से एक है “पंचमुखी हनुमान कवच“। यह कवच बहुत ही शक्तिशाली है तथा अद्भुत फलदायी भी है। यह कवच भगवान श्री राम द्वारा रचित है तथा रावण के साथ युद्ध करते समय भी प्रभु श्री राम ने इस कवच का पाठ किया था।
आइये जानते है उन चमत्कारिक मन्त्रों तथा चौपाइयों के बारे में, जिसके जाप से हनुमान जी प्रसन्न होते है :
।।नाम पाहरू दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपा।।
।।लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहिं बाट।।
“नाम पाहरू दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपा” का अभिप्राय है कि श्री राम भक्त हनुमान जी कहते है कि सीता मईया प्रभु राम से दूर है फिर भी माता सीता के चारों तरफ प्रभु राम के नाम का आवरण है क्योंकि माता सीता दिन रात प्रभु राम का ही नाम जपती रहती है तथा आँखे बंद कर के हमेसा ही प्रभु श्री राम का ही ध्यान करती और आँखे खोलने के पश्चात वो अपने चरणों को देखकर प्रभु श्री राम के कमल चरणों को याद करके।
“लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहिं बाट” का अभिप्राय है कि, यदि आपके घर के चारों दिशा में कड़ा पहरा है तथा जमीन और छत के तरफ से भी रास्ते बंद हो जिससे की कोई घर के अंदर प्रवेश ना कर सके और इस तरह से ही माता सीता अपने मन में श्री राम रक्षा कवच को धारण कर रखी है और इसी रक्षा कवच के द्वारा वो खुद के प्राणों की रक्षा करती।
रक्षा–कवच बनाने की विधि :
पुरे दिन में कम से कम 3 से 4 बार अपने मन को शांत कर बैठ जाए और 2 से 3 मिनट तक अपने होंठो से जाप करे तत्पश्चात शांत हो जाएँ और ध्यान लगाए इस तरह से कि आपके चारों तरफ प्रभु श्री राम के नाम का कवच बना हुआ है। इस तरह से ध्यान लगाने से भगवान आपकी रक्षा अवश्य करेंगे तथा जिंदगी के प्रत्येक रास्ते पर आपका साथ देंगे।
हनुमत कवच या श्री हनुमान कवच स्वयं में ईश्वर की अपार शक्ति लिए हुए है, जिसके जाप के प्रभाव से दुश्मनों, बिमारियों तथा बुराइयों पर विजय प्राप्त किया जा सकता है। प्रभु हनुमान जी के सारे भक्त श्री हनुमान कवच की शक्तियों से परिचित होते है। श्री हनुमान कवच की शक्ति को जाग्रत करने के लिए सर्वप्रथम आपको अपने मन को एकाग्रचित करना होगा और फिर साधना करनी होगी।
हनुमान कवच के आश्चर्यजनक तथा चमत्कारिक लाभ :
1. श्री हनुमान कवच के प्रभाव से भूत, पिशाच, प्रेत, राक्षस तथा अन्य बुरी आत्माएं दूर भागती है।
2. टोना तथा टोटका के दुष्प्रभावों से हमारी रक्षा करता है।
3. काले जादू के बुरे असर को खत्म कर देता है।
4. जीवन में आने वाले किसी भी प्रकार के शोकपूर्ण कष्टों का विनाश कर देता है और इसलिए श्री हनुमान कवच को शोकनाशन के नाम से भी पुकारा जाता है।
5. जीवन में आने वाली किसी भी प्रकार की दुःख तथा कष्टों का नाश करता है जिससे आने वाली जिंदगी खुशियों से भर जाती है तथा आप सुखी और संपन्न हो जाते है।
प्रभु हनुमान जी के चमत्कारिक मन्त्र :
श्री हनुमान इच्छापूर्ति मन्त्र :
हनुमान जी के चमत्कारिक मंत्र का सच्चे मन से जाप करने से हर एक मनोकामना पूर्ण होती है, तो आइये जानते है श्री हनुमान इच्छापूर्ति मन्त्र के बारे में :
।।ॐ महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दत।।
।।हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।।
श्री हनुमान इच्छापूर्ति मन्त्र जप विधि :
मंगलवार की सुबह हनुमान जी को सिंदूर का तिलक लगाकर गुड़ और चने का भोग लगाएं तत्पश्चात पूर्व दिशा में मुख करके कुश के आसन पर बैठ जाएँ और शांत मन से ऊपर दिए हुए मंत्र का लाल चन्दन की माला से जाँप करें। इसके फलस्वरूप कुछ ही दिन में आपकी मनोकामना पूर्ण हो जायेगी।
हनुमान जी का द्वादशाक्षर मंत्र:
||हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्||
हिन्दू धर्म शास्त्रों में वर्णित है कि यह मन्त्र इतना शक्तिशाली है की इसके जाप द्वारा जग पर भी विजय किया जा सकता है। इस मंत्र को भगवान शिवशंकर ने प्रभु श्री कृष्ण को दिया था और प्रभु श्री कृष्ण ने इस मंत्र को पाण्डु पुत्र अर्जुन को सिद्ध करवाया और इसी मंत्र के सिद्दी के कारण अर्जुन ने समस्त जगत पर विजय प्राप्त किया था।
हनुमान जी का चमत्कारिक प्रेत बाधा निवारण मन्त्र :
हनुमान जी के इस चमत्कारिक मंत्र के द्वारा भूत, पिशाच, प्रेत तथा बुरी शक्तियों को दूर भगाया जाता है। यह मन्त्र इस प्रकार है:
।। हनुमन्नंजनी सुनो वायुपुत्र महाबल:। अकस्मादागतोत्पांत नाशयाशु नमोस्तुत।।
मन्त्र की जप विधि : मंगलवार की सुबह को हनुमान जी को सिंदूर का तिलक लगाकर गुड़ और चने का भोग लगाएं तत्पश्चात पूर्व दिशा में मुख करके कुश के आसन पर बैठ जाएँ और शांत मन से ऊपर दिए हुए मंत्र का लाल चन्दन की माला से जाप करें। इसके फलस्वरूप कुछ ही समय में प्रेत बाधा से छुटकारा मिल जाएगा।
हनुमान जी के अन्य चमत्कारिक मन्त्र इस प्रकार है :
- “ॐ हनुमते नमः”
- “ऊँ हं हनुमंताय नम:”
- “ॐ निधिपतये नमः”
- “ॐ अमृत्यवे नमः”
- “ॐ वीरवीराय नमः”
- “ॐ वरदाय नमः”
- “ॐ आरोग्यकर्त्रे नमः”
- “ॐ वीराय नमः”
- “ॐ निरामयाय नमः”
Frequently Asked Questions
1. हनुमान जी किस भगवान के अवतार है?
हनुमान जी प्रभु शिवशंकर के अवतार है।
2. हनुमान जी के आराध्य देव कौन है?
हनुमान जी प्रभु श्री राम के भक्त है।
3. पंचमुखी हनुमान कवच किसके द्वारा रचित है?
पंचमुखी हनुमान कवच प्रभु श्री राम द्वारा रचित है।