जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है | Jara Der Thahro Ram | Free PDF Download
जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है,
अभी हमने जी भर के देखा नहीं है…
कैसी घडी आज, जीवन की आई,
अपने ही प्राणो की, करते विदाई,
अब ये अयोध्या हमारी नहीं है,
अभी हमने जी भर के देखा नहीं है…
माता कौशल्या की, आँखों के तारे,
दशरथ जी के हो, राज दुलारे,
कभी ये अयोध्या को भुलाना नहीं है,
अभी हमने जी भर के देखा नहीं है…
जाओ प्रभु अब, समय हो रहा है,
घरो का उजाला भी, कम हो रहा है,
अँधेरी निशा का, ठिकाना नहीं है,
अभी हमने जी भर के, देखा नहीं है…
जरा देर ठहरो राम, तमन्ना यही है,
अभी हमने जी भर के, देखा नहीं है…