जय जय गिरिराज धरैया | Jay Jay Giriraj Dharanki | Free PDF Download
जय जय गिरिराज धरैया
जय जय गिरिराज धरैया ,जय जय गिरिराज धरैया।
मोर मुकुटधर, जय मुरलीधर, जय जय कृष्ण कन्हैया।।
जन जन का अन्न कूट कूट कर ,ब्रज का ब्रजरस लूट लूट कर।
दूध दही माखन मिसरी फल ,छप्पन भोग लगैया- गिरिराज….
सुरपति का मद मर्दन कीन्हा ,देव गोवर्धन ब्रज को दीन्हा।।
वरदायक फलदायक दर्शन ,दुखहर मेहर करैया- गिरिराज….
गा लौ ‘‘मधुप’’ गोवर्धन गाथा ,कर परिक्रमा ,न्वा लौ माथा।।
आरती वन्दन पूजा दर्शन ,भवजल पार तरैया-गिरिराज…. ।