कैंची धाम : चमत्कारी हनुमान मंदिर (Kainchi Dham : Chamatkari Hanuman Mandir)
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नैनीताल में स्थित हनुमान मंदिर जो अपने चमत्कारों के लिए सम्पूर्ण विश्व में विख्यात है। कैंची धाम मंदिर के नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) को हनुमान जी का ही रूप माना जाता है। नीम करोली बाबा पर सिर्फ आम लोग ही विश्वास नहीं करते बल्कि एप्पल कंपनी के मालिक स्टीव जॉब्स भी उन पर विश्वास करते हैं। नीम करोली बाबा के भक्तों में अब हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स तथा फेसबुक प्रमुख मार्क जुकरबर्ग भी शामिल हैं। वैसे तो, नीम करोली बाबा समाधी ले चुके है पर मान्यता है कि जो कोई भी कैंची धाम के हनुमान जी के मंदिर आता है उसकी बिगड़ी तक़दीर भी बन जाती है। कैंची धाम के हनुमान मंदिर में सिर्फ भारत के ही नहीं बल्कि देश-विदेश से हजारों की संख्या में लोग आते हैं ।
कैंची धाम मंदिर में जुकरबर्ग की यात्रा :
27th सितम्बर 2015, फेसबुक मुख्यालय में जुकरबर्ग और मोदी जी के बीच बातें चल रही थी और तभी जुकरबर्ग ने अपनी कहानी मोदी जी से बताई कि “एक वक़्त वो फेसबुक को लेकर काफी परेशान थे कि क्या फेसबुक बेच दी जाये? इसपर एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स ने जुकरबर्ग को भारत के एक मंदिर के बारे में बताया और मंदिर जाने की सलाह दी। जुकरबर्ग भारत आएं और एक महीना भारत में ही रहें और उसी दौरान वो मंदिर भी गए और उस मंदिर में पहुँचते ही उन्हें फेसबुक को लेकर नया मिशन सुझा। एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स ने फेसबुक प्रमुख मार्क जुकरबर्ग को जिस मंदिर में जाने को कहा वो मंदिर और कोई नहीं बल्कि नैनीताल का कैंची धाम मंदिर था। जो मंदिर आज नीम करोली बाबा के नाम से भी जाना जाता है।
कैंची धाम मंदिर के ट्रस्टी के कुछ लोगों का कहना है कि “गूगल कंपनी के पूर्व डायरेक्टर लैरी ब्रिलियंट ने कैंचीधाम मंदिर के आश्रम में फ़ोन करके कहा था कि वहां एक लड़का जाने वाला है जिसका नाम मार्क जुकरबर्ग है और वो कुछ दिन वहीँ ठहरेगा। मार्क जुकरबर्ग जब वहां आये तो सिर्फ एक दिन के लिए ही आएं थे पर मौसम की खराबी के कारण वह वहां 2 दिन रुक गए। मार्क जुकरबर्ग अपने साथ बस एक पुस्तक लेकर आये थे ।
कैंची धाम मंदिर में स्टीव जॉब्स की यात्रा :
27 सितंबर, सैन होसे में नरेंद्र मोदी जब एप्पल के वर्तमान सीईओ “टीम कुक” से मिले तो उन्होंने बताया कि “एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स भारत आये थे। सन् 1974, स्टीव जॉब्स अपने दोस्तों के साथ अध्यात्म की खोज में भारत आये और वो नीम करोली बाबा से मिलने गए पर नीम करोली बाबा का तब तक निधन हो चुका था। लेकिन, कुछ दिनों के लिए स्टीव जॉब्स आश्रम में ही रुके थे।
कैंची धाम मंदिर के अधिकारियों के अनुसार, मशहूर लेखक डेनियल, जूलिया रॉबर्ट्स तथा डॉक्टर रिचर्ड एलपर्ट भी मंदिर में आ चुके है।
नीम करोली बाबा की महिमा :
नीम करोली बाबा जी की कृपा से हर बिगड़े काम बन जाते है। बाबा का नाम जपने से ही लोगो की परेशानी मिट जाती है इसी कारण बाबा के इस मंदिर में भक्तों की भीड़ लगती है। कैंची धाम को नीम करोली धाम बनाने के सम्बन्ध में अनगिनत रोचक कथाएं प्रचलित है। 1962 में, नीम करोली बाबा ने जब कैंची धाम के मंदिर में अपने कदम रखे तो वहां के लोगों को अपनी महिमा और चमत्कार से आश्चर्यचकित कर दिए।
पुरानी कथाओं के अनुसार, मंदिर में 15 जून को एक विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमे घी की कमी पड़ गयी तब नीम करोली बाबा के आदेश तथा आशीर्वाद से पास के ही एक नदी के पानी को कनस्तरों में भर कर लाया गया जिससे मंदिर का प्रसाद बना। प्रसाद में पानी डालते ही वह घी में बदल जाता। इस घटना को देखकर सारे भक्त बाबा के सामने नतमस्तक हो गए। इसी घटना के बाद से भक्तों का विश्वास बाबा पर बनने लगा। नीम करोली बाबा का आश्रम आधुनिक युग का धाम कहलाता है। मंदिर में मुख्य रूप से प्रभु हनुमान की पूजा होती है।
कैंची धाम के स्थानीय लोगों के कहे अनुसार, 1964 में आगरा के फिरोजाबाद गांव “अकबरपुर” में जन्मे “लक्ष्मी नारायण शर्मा” कैंची धाम तपस्या के लिए गए और उन्हीं के प्रयत्नों से मंदिर का उद्धार हुआ। फर्रुखाबाद के एक गांव “नीम करोली” में “लक्ष्मी नारायण शर्मा” जी ने कठिन तपस्या की और इसी कारण बाबा का नाम नीम करोली बाबा पड़ा।
कैंची धाम मंदिर की स्थापना और भौगोलिक स्थिति :
24 मई 1962 को नीम करोली बाबा के पावन चरण उसी जगह पर पड़े जहा आज नीम करोली मंदिर है। 15 जून 1964 को कैंची धाम मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गयी इसलिए 15 जून प्रतिष्ठा दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।कैंची धाम मंदिर, उत्तराखंड जिले के भवाली-अल्मोड़ा/रानीखेत राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित है। मंदिर के चारो और ऊँचे-ऊँचे पहाड़ है। कैंची धाम मंदिर में हनुमान जी के अलावा प्रभु श्री राम, माता सीता तथा माँ दुर्गा के भी मंदिर है। किन्तु, कैंची धाम मंदिर मुख्य रूप से हनुमान जी तथा नीम करोली बाबा के नाम से प्रसिद्ध है ।
Frequently Asked Questions
कैंची धाम मंदिर कहाँ स्थित है ?
कैंची धाम मंदिर, उत्तराखंड जिले के भवाली-अल्मोड़ा/रानीखेत राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित है।
बाबा नीम करोली का असली नाम क्या है ?
बाबा नीम करोली का असली नाम है – लक्ष्मी नारायण शर्मा।
कैंची धाम मंदिर में किसकी पूजा होती है ?
कैंची धाम मंदिर में हनुमान जी की विशेष रूप से पूजा होती है। इस मंदिर में श्री राम, माता सीता तथा माँ दुर्गा के भी मंदिर है।