Sign In

जन्मकुंडली में कमजोर बुध : लक्षण और उपाय (Janmkundali Me Kamjor Budh : Lakshan Aur Upay)

जन्मकुंडली में कमजोर बुध : लक्षण और उपाय (Janmkundali Me Kamjor Budh : Lakshan Aur Upay)

Article Rating 3.9/5

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, हमारे सौरमंडल के नवग्रह तथा नक्षत्र किसी भी जातक के जीवन को प्रभावित करते है। ग्रह – नक्षत्र ही व्यक्ति के जीवन में होने वाली घटनाओं को लेकर उत्तरदायी होते है। नवग्रहों में बुध का अपना एक अलग स्थान है। बुध को देवताओं तथा ग्रहों का “राजकुमार” कहा जाता है। 

बुध की 2 राशियां है – मिथुन राशि तथा कन्या राशि तथा बुध की नीच राशि मीन राशि है। जन्मकुंडली में बुध यदि बलि हो तो जातक अपनी बुद्धि से धन कमाता है। जातक एक अच्छा ज्योतिषी, इंजीनियर तथा डॉक्टर बनता है। यदि बुध के साथ शनि भी शुभ स्थिति में हो तो जातक गुप्त ज्ञानप्राप्त करता है। 

प्रत्येक ग्रह के तरह बुध भी जातक के जीवन में शुभ और अशुभ प्रभाव देता है और यदि कुंडली में बुध गलत स्थान में बैठ कर बुरे फल दे रहा है तो ज्योतिष में इसका भी उपाय तथा टोटका दिया गया है ।

वैदिक ज्योतिष मेंबुध ” : (Vedic Jyotish Me “Budh”)

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुध ग्रह – बुद्धि, वाणी तथा मित्रता का कारक ग्रह है। सनातन धर्म में बुध ग्रह को चन्द्रमा का पुत्र माना गया है। विवाह के लिए बुध को कारक ग्रह माना जाता है। कुंडली में बुध के बलि होने से जातक खुशमिजाज, मजाकिया तथा मृदुभाषी होता है, साथ ही साथ जातक दिखने में काफी सुन्दर तथा चमकदार आँखों वाला होता है। बुध प्रधान जातक संवाद तथा संचार के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते है। बुध के कमजोर तथा बुरे स्थितियों को जान लेने के बाद उसके दुष्परिणामों से बचने के लिए ज्योतिष में अनेकों टोटके तथा उपाय दिए गए है जिन्हें आसानी से करके बुध के शुभ फलों की प्राप्ति की जा सकती है।

जन्मकुंडली में कमजोर बुध की स्थिति तथा उपाय : (Janmkundali Me Kamjor Budh Ki Sthiti Ttha Upay)

जन्मकुंडली में जब भी बुध अपने नीच राशि अर्थात मीन में बैठ जाएं या फिर छठे या आठवें भाव में नीच ग्रहों के साथ बैठ जाए तब बुध बुरे फल देना शुरू कर देता है। आइये जानते है, जन्मकुंडली में बुध के उन स्थितियों को जहाँ पर बुध के बैठने से बुध कमजोर होकर बुरे फल प्रदान करता है और साथ ही साथ प्रत्येक स्थिति के अनुसार उसके उपाय :

  • द्वितीय भाव : जन्मकुंडली में यदि बुध द्वितीय भाव में किसी नीच ग्रह के साथ बैठ जाए और अपनी नकारात्मकता फैलाये तो भाई के साथ अनबन बनी रहती है तथा पिता के द्वारा कमाई गयी धन संपत्ति का भी नाश करता है ।
  • अष्टम भाव : जन्मकुंडली में यदि बुध अष्टम भाव में बैठ जाए और अपनी नकारात्मकता फैलाये तो जातक को कई तरह की बीमारियां घेर लेती है। किन्तु, नीच के ग्रह के साथ बैठने से शुभ फल की प्राप्ति भी होती है। परन्तु राहु के साथ बैठने से जेल जाने के योग भी बनते है। यदि आठवे भाव में बुध के साथ मंगल भी उपस्थित है तो जातक को दांत, खून तथा नसों से सम्बंधित बीमारियां भी हो सकती है।
  • नवम भाव : जन्मकुंडली में यदि बुध नवम भाव में बैठ जाए और अपनी नकारात्मकता फैलाये तो जातक को मानसिक समस्याएं देता है। समाज में  जातक का अनादर होता है तथा बदनामी भी झेलनी पड़ती है।
  • एकादश भाव : जन्मकुंडली में यदि बुध एकादश भाव में बैठ जाए और अपनी नकारात्मकता फैलाये तो जातक को बुरे फलों की प्राप्ति होती है। 24 वर्ष के उम्र के आसपास मान-सम्मान तथा धन का नाश हो सकता है तथा मानसिक अशांति बनी रहेगी ।

जन्मकुंडली में कमजोर बुध के अन्य बुरे लक्षण : (Janam Kundali Me Kamjor Budh Ke Anya Bure Lakshan)

  • जन्मकुंडली में बुध कमजोर होने से आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
  • जन्मकुंडली में बुध की सही स्थिति न होने पर मान-सम्मान का नाश तथा बदनामी करता है ।
  • जातक की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है तथा उसका मन पढ़ाई में नहीं लगता ।
  • कुंडली में यदि बुध कमजोर हो तो जातक को आलसी बनाता है और इस तरह का जातक विश्वासघाती भी होता है ।
  • ऐसे जातक चापलूस होते है तथा गलत और अनैतिक गतिविधियों में हिस्सा लेते है ।
  • ऐसे जातकों को शराब की लत लगी होती है।

बुध को मजबूत करने के टोटके और उपाय : (Budh Ko Majbut Karne Ke Totke Aur Upay)

  • किसी भी माह के शुक्ल पक्ष की बुधवार को भगवान विष्णु का ध्यान कर के बीज मंत्र का जाप करें ।
  • बुध के बुरे प्रभावों को नष्ट करने के लिए भगवान श्री गणेश की पूजा करनी चाहिए। हर बुधवार को भगवान श्री गणेश के मंदिर जाकर लड्डू का प्रसाद चढ़ाएं।
  • बुध के बुरे प्रभावों को नष्ट करने के लिए बुधवार का व्रत भी कर सकते है। 27  बुधवार तक व्रत रखें तथा गायों को हरा चारा अवश्य खिलाएं ।
  • किन्नरों को बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र तथा हरी चूड़ियाँ अवश्य दें ।
  • बुध को बलि करने के लिए पन्ना रत्न धारण करें। ध्यान रहे कि पन्ना रत्न का वजन 3 कैरेट हो। 
  • बुधवार के दिन ब्राह्मणों को हरे वस्त्र, हरी सब्जियां, मूंग की दाल तथा हरे रंग की वस्तु दान में दें, इससे बुध मजबूत तथा बलवान हो जाता है ।
  • बुध को बलि करने के लिए प्रतिदिन तुलसी के पौधे में जल डालें (रविवार को छोड़कर)। तुलसी के पत्ते का सेवन बुधवार को अवश्य करें ।
  • बुधवार के दिन गाय को हरी पत्तियां या हरी घास अवश्य खिलाएं ।
  • मांस, मदिरा का सेवन भूल से भी ना करें ।
  • प्रतिदिन सूर्य देव को जल चढ़ाएं, इससे बुध बहुत जल्द ही बलि हो जाता है। 
  • बुध को बलि करने के लिए गले में “चांदी की चेन” अथवा “तांबे का सिक्का” पहन सकते है। 
  • बुध के दुष्परिणामों से बचने के लिए लड़कियों को अपनी नाक अवश्य छिदवानी चाहिए ।
  • बुध के बुरे प्रभावों से बचने के लिए मंदिर अथवा धार्मिक स्थलों पर दूध या चावल का दान दें ।

बुध कावैदिक मंत्र

।। ऊँ बुध बुधाय नम:।।

बुध काबीज मंत्र

।। ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं : बुधाय नम:।।

Frequently Asked Questions

1. बुध के टोटके तथा उपायों को किस दिन करना चाहिए ?

बुध के टोटके तथा उपायों को बुधवार के दिन करना चाहिए।

2. बुध के टोटके तथा उपायों को कौन से नक्षत्र में करना चाहिए ?

बुध के टोटके तथा उपायों को बुध के नक्षत्र अश्लेषा, ज्येष्ठा या रेवती में ही करना चाहिए।

3. बुध के उपायों को बुध के होरा में करना चाहिए या नहीं ?

बुध के उपायों को बुध के होरा में करना अति शुभ है ।

4. बुध ग्रह का बीज मंत्र क्या है ?

बुध ग्रह का बीज मंत्र है – ।। ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं : बुधाय नम:।।