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जन्मकुंडली में कमजोर सूर्य : लक्षण और उपाय (Janam Kundali Me Kamjor Surya : Lakshan Aur Upay)

जन्मकुंडली में कमजोर सूर्य : लक्षण और उपाय (Janam Kundali Me Kamjor Surya : Lakshan Aur Upay)

वैदिक ज्योतिष के द्वारा जब भी किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली का विश्लेषण किया जाता है तब नव-ग्रहों तथा नक्षत्रों की स्थिति को देखा जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ग्रह नक्षत्र ही किसी भी व्यक्ति के भूत, भविष्य तथा वर्तमान को प्रभावित करते है। सौरमंडल के प्रत्येक ग्रह तथा नक्षत्र “शुभ” और “अशुभ”, दोनों ही परिणाम देने की “शक्ति” रखते है। किसी भी जन्म कुंडली का अध्ययन ज्योतिष, ग्रहों तथा नक्षत्रों के आधार पर ही करते है और इसलिए जब भी कुंडली में कोई ग्रह कमजोर अवस्था में दिखता है, तब ज्योतिष उस ग्रह को बलवान बनाने के लिए टोटके और उपाय बतलाते है।

वैदिक ज्योतिष मेंसूर्य” : (Vedic Jyotish Me “Surya”)

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सूर्य की नवग्रहों में गिनती होती है और सूर्य को सबसे महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा प्राप्त है। सूर्य की अपनी राशि “सिंह” है और “तुला” सूर्य की सबसे नीच राशि मानी जाती है। ज्योतिष के अनुसार सूर्य को “आत्मा” का कारक ग्रह माना गया है, साथ ही साथ कुंडली में सूर्य जातक के पिता को दर्शाता है। यदि किसी महिला की कुंडली देखी जाए तो सूर्य की स्थिति उस महिला के पति के सफलता तथा असफलता का संकेत देता है। कुंडली में सूर्य बलवान स्थिति में हो तो जातक को मान, सम्मान तथा यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है और इसलिए कुंडली में सूर्य की स्थिति को जानना अति आवश्यक है, जिससे की सूर्य के कमजोर और बुरे भाव में बैठ जाने से होने वाले दुष्परिणामों को ज्योतिष के उपायों द्वारा दूर की जा सके।

जन्मकुंडली में कमजोर सूर्य की स्थिति : (Janmkundali Me Kamjor Surya Ki Sthiti)

आइये जानते है, जन्मकुंडली में सूर्य के उन स्थितियों को जहाँ पर सूर्य के बैठने से सूर्य कमजोर होकर बुरे फल प्रदान करता है :

  • प्रथम भाव : जन्म कुंडली के प्रथम भाव में सूर्य के बैठ जाने से स्वास्थ्य से सम्बंधित परेशानियां उत्पन्न होती है।
  • द्वितीय भाव : जन्म कुंडली के द्वितीय भाव में सूर्य के बैठने से परिवार के बीच में सम्बन्ध विच्छेद होंगे ।
  • षष्ठम भाव : जन्म कुंडली के षष्ठम भाव में सूर्य के बैठने से महिला रिश्तेदार तथा मित्रों से सम्बन्ध खराब होंगे।
  • सप्तम भाव : जन्मकुंडली के सप्तम भाव में सूर्य के बैठने से जातक का जातक की पत्नी के साथ अनबन तथा झगड़े को बढ़ाता है ।
  • नवम भाव : जन्म कुंडली के नवम भाव में सूर्य के बैठने से भूमि तथा स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याएं उत्पन्न करवाएगा। 
  • दशम भाव : जन्म कुंडली के दशम भाव में सूर्य के बैठ जाने से जातक के पिता के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। 
  • द्वादश भाव : जन्म कुंडली के द्वादश भाव में सूर्य के बैठ जाने से जातक में थकान, अनिद्रा, तनाव तथा बेचैनी उत्पन्न करता है। 

जन्मकुंडली में कमजोर सूर्य के अन्य बुरे लक्षण : (Janam Kundali Me Kamjor Sury Ke Anya Bure Lakshan)

  • कुंडली में सूर्य के कमजोर होने से उच्च रक्तचाप तथा ह्रदय से जुड़ी समस्याएँ उत्पन्न करता है। 
  • सूर्य के कमजोर होने पर गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस, हड्डियों से जुड़ी समस्याएँ उत्पन्न करता है। 
  • सूर्य के कमजोर होने से आँखे कमजोर होती है तथा ये सगे-सम्बन्धियों के साथ अनबन तथा झगड़े करवाता है ।
  • कुंडली में सूर्य की कमजोर स्थिति होने से ईश्वर, गुरुदेव तथा पिता का साथ नहीं मिल पाता।
  • जातक के अंदर अहंकार आता है तथा नौकरी जाने के आसार बनते है ।
  • सूर्य के कमजोर होने पर चोरी के दुर्योग बनते है। 
  • जातक किसी कानूनी विवाद में फंस जाता है।

सूर्य को मजबूत करने के टोटके और उपाय : (Surya Ko Majbut Karne Ke Totke Aur Upay)

  • सूर्य को बलवान बनाने के लिए बछड़े सहित गाय का दान करें।
  • सूर्य से सम्बंधित चीजें, जैसे की – गुड़, गेहूं, तांबा तथा सोना का दान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है ।
  • रविवार के दिन सूर्योदय के एक घंटे पहले, सोने, चांदी या तांबे के अंगूठी में रूबी को मढ़वाकर पहनें। रूबी का ऊँगली के त्वचा को छूना अत्यंत आवशयक है । सबसे पहले अंगूठी को गंगाजल अथवा दूध से धोकर शुद्ध कर ले उसके बाद ही अंगूठी को धारण करें।
  • सूर्य की शांति के लिए रविवार का व्रत रखें तथा गरीब लोगों को गुड़ से बनी खीर खिलाएं ।
  • सूर्य के शुभ फलों की प्राप्ति के लिए अपने बुजुर्गों तथा पिता की सेवा करें। 
  • प्रातःकाल, लाल रंग के फूलों वाले पौधों तथा वृक्षों को जल देना अति शुभ माना जाता है। 
  • सूर्य की बलि करने के लिए रात में एक तांबे  के पात्र में जल भरकर उसे अपने सिरहाने रखकर सो जाएँ और सुबह उठकर उस जल को पी जाएँ ।
  • अपने दाहिने हाथ में तांबे के कड़े धारण करें ।
  • बारह मुखी रुद्राक्ष को लाल रंग के धागे में अपने गले में धारण करें। 
  • घर में सूर्य यंत्र स्थापित करें, यह सूर्य के दुष्प्रभावों को बहुत हद तक कम करता है ।
  • मांस मदिरा का सेवन ना करे ।
  • रविवार के दिन घर में भगवान सूर्य का होम, अभिषेक करवाएं तथा सूर्य मंत्र का 108  बार जाप करें। 

सूर्य ग्रह का वैदिक तथा चमत्कारी मंत्र : (Surya Grah Ka Vaidik Ttha Chamatkari Mantra)

।। ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च।।
।। हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन् ।।

सूर्य ग्रह का तांत्रिक मंत्र : (Surya Graha Ka Tantrik Mantra)

।। ऊँ घृणि सूर्याय नम:।।

सूर्य का बीज मंत्र : (Surya Grah Ka Beej Mantra)

।। ऊँ ह्रां  ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम: ।।

Frequently Asked Questions

1. सूर्य के टोटके तथा उपायों को किस दिन करना चाहिए ?

सूर्य के टोटके तथा उपायों को रविवार के दिन करना चाहिए।

2. सूर्य के टोटके तथा उपायों को कौन से नक्षत्र में करना चाहिए ?

सूर्य के टोटके तथा उपायों को सूर्य के नक्षत्र “कृत्तिका, उत्तराफाल्गुनी तथा उत्तराषाढ़ा” में ही  करना चाहिए।

3. सूर्य के उपायों को सूर्य के होरा में करना चाहिए या नहीं ?

सूर्य के उपायों को सूर्य के होरा में करना अति शुभ है ।

4. सूर्य ग्रह का बीज मंत्र क्या है ?

सूर्य ग्रह का बीज मंत्र है – ।। ऊँ ह्रां  ह्रीं ह्रौं : सूर्याय: नम: ।।