वैदिक ज्योतिष तथा ज्योतिष शास्त्र में कन्या लग्न (Kanya Lagna)
वैदिक ज्योतिष तथा ज्योतिष शास्त्र में कुल 12 लग्न है और उन लग्नों में “षष्टम लग्न” है “कन्या लग्न” (Kanya Lagna)। कन्या लग्न के स्वामी “बुध देव” हैं। इस लेख में हमने कन्या लग्न से जुड़ी सभी जरूरी बातों को शामिल किया है, जैसे की : कन्या लग्न का व्यक्तित्व, कन्या लग्न के लोगों का शारीरिक गठन तथा स्वास्थ्य, कन्या लग्न के जातकों का प्रेम सम्बन्ध। इसके साथ ही हम जानेंगे, कन्या लग्न के लोगों के शुभ ग्रह तथा अशुभ ग्रह, शुभ रंग तथा शुभ रत्न क्या है? तो, चलिए जान लेते है, कन्या लग्न से जुड़ें इन जरुरी बातों को :
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में कन्या लग्न : (Vedic Jyotish Shastra Me Kanya Lagna)
इस लग्न के जातकों पर बुध ग्रह का प्रभाव रहता है। इस लग्न के जातक व्यावहारिक और शांत होते है और इसलिए इस लग्न के जातक पूर्णतावादी कहलाते हैं। कन्या लग्न के जातक विद्या और ज्ञान प्राप्त करने के लिए हमेशा कोशिश करते है।
कन्या – “पृथ्वी तत्व” की राशि है। इस लग्न के जातक स्वाभिमानी, ऊर्जावान, बेफिक्र और जिज्ञासु होते हैं। बुध ग्रह के प्रभाव के कारण ये बुद्धिमान और अनेक कलाओं को जानने वाला होता है।
कुल मिलाकर, कन्या लग्न के जातक एक सुखमय जीवन ही जीते हैं और जीवन की हर परिस्थिति में अपने आप को और अपने परिवार को खुश रखने की कोशिश करते हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कन्या लग्न के जातक उन छोटी सी छोटी बातों को जान लेते है जिन्हें अन्य लग्न वाले नहीं समझ पाते।
कन्या लग्न के जातक का व्यक्तित्व : (Kanya Lagna Ke Jatak Ka Vyaktitva)
कन्या लग्न के जातक बुध ग्रह के प्रभाव के कारण धार्मिक और बुद्धिमान होते हैं। ऐसे जातक मेडिकल तथा राजनीति में सफलता हासिल करते है। ऐसे जातक प्रत्येक चीज के विस्तार के दिशा में उन्मुख होते हैं। इस लग्न के जातक निरीक्षण तथा परीक्षण संपन्न बुद्धि के मालिक होते है। अपने आस पास के वातावरण को कैसे संतुलित बना कर रखना है ये कोई कन्या लग्न वालों से पूछे।
कन्या लग्न के जातकों को उनके पूर्वज या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा संपत्ति प्राप्त होती है। ऐसे जातक अपने जन्मस्थान से दूर रहकर ही तरक्की प्राप्त कर पाते है। इस लग्न के जातक सदैव किसी गुरु की संगत में रहना चाहते है। कन्या लग्न के जातक इतने कुटिल बुद्धि के होते है कि उनकी बातों का निष्कर्ष निकालना आसान नहीं है, क्योंकि ये द्विअर्थी वाली बातें कहते है।
यदि जन्म कुंडली में बुध अपनी उच्च राशि या शुभ स्थानों में हो तो व्यक्ति वाक्पटुता और रणनीति बनाने में सबसे आगे होगा। ऐसे जातक अपनी बुद्धि के बल पर अपने व्यवसाय द्वारा लाभ अर्जित करते है और समाज में मान सम्मान प्राप्त करते हैं। कन्या लग्न के जातकों में और भी कई गुण होते है, जो इस प्रकार है :
- इस लग्न के जातक किसी भी वस्तु या व्यक्ति को अपनाने से पहले समय लेते है और जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेते।
- ये किसी भी समस्या के प्रति लचीला और व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाते है।
- ये मधुरभाषी, सौभाग्यशाली तथा अनेकों गुणों के स्वामी होते है।
- ये दो विरोधी पक्षों के बीच भी मेल मिलाप करवाने में सक्षम होते है।
- इनमे किसी भी इंसान की मन की बात समझने की कला होती है।
- ये किसी से भी मीठा बोलकर अपना काम निकलवा सकते है।
कन्या लग्न के जातक की शारीरिक विशेषता : (Kanya Lagna – Sharirik Visheshta)
कांय अलग्न के जातक अपनी उम्र से काम के दीखते है। ये मझोले कद के होते है और इनका चेहरा भरा हुआ होता है । इनकी सीधी नाक, घुंगराईले बाल और काली आँखे इनकी सबसे बड़ी पहचान है। कन्या लग की कुंडली में यदि कन्या राशि अर्थात लग्न में ही चन्द्रमा उपस्थित हो तो ऐसे जाकाओं में स्त्री गुण की प्रधानता होती है। ऐसे जातकों में लज्जा, झुके हुए कंधे और संकोच सी भरी दृस्टि होती है।
कन्या लग्न के जातक की मानसिक विशेषता : (Kanya Lagna – Singh Visheshta)
इस लग्न के जातकों में बुध ग्रह के प्रभाव के कारण कुटिलता अधिक होती है। ये मानसिक रूप से इतने मजबूत होते है कि आसानी से अपना राज किसी के सामने नहीं बतलाते। इनकी मानसिक स्थिति ऐसी होती है कि ये जल्दबाजी में भी सही निर्णय लेने की क्षमता रखते है। ऐसे जातक हमेशा सपनों और कल्पनाओं के दुनिया में खोये रहते है इन्हें हवाई किले बनाने वाला भी कहा जाता है पर ये अपने सपनों को साकार करने में भी सक्षम होते है ।
कन्या लग्न : प्रेम और संबंध : (Kanya Lagna – Prem Sambandh)
कन्या लग्न के जातक प्रेम प्रसंगों और रिश्तों के मामले में अत्यंत भावुक होते है। ये प्रेम को पूरे जोशीले अंदाज में शुरू करते है और जीवन भर अपने प्रेम सम्बन्ध को निभाने की कोशिश करते है। पृथ्वी तत्व होने के कारण इनका प्रेम स्थिर और स्थायी होता है। ये प्रेम सम्बन्ध और रिश्तों को अच्छे से निभाना जानते है। कन्या लग्न के लिए सबसे अनुकूल लग्न है वृषभ लग्न और मकर लग्न। इसके अलावा जल तत्व की लग्न कर्क और मीन भी कन्या लग्न के साथ शुभ योग सम्बन्ध बनाते है ।
कन्या लग्न वालों का स्वास्थ्य : (Kanya Lagna Walo Ka Swasthya)
कन्या लग्न के जातक आंत, श्वसन प्रणाली तथा साइनस की समस्याओं से ग्रसित होते है। इस लग्न के जातक अक्सर सर्दी, ऐलर्जी, फ़्लू, कब्ज और आँतों की समस्या से परेशान रहते है। इन जातकों को अपने आहार के प्रति सावधान रहने की जरूरत है। इस लग्न के जातक की जन्म कुंडली में बुध की स्थिति अशुभ होने पर इन्हें वाणी दोष भी होता है।
कन्या लग्न राशि वालों के लिए शुभ ग्रह : (Kanya Lagna – Shubh Grah)
इस लग्न के लिए “शुक्र ग्रह” द्वितीयेश और नवमेश भाव का स्वामी ग्रह है, इसलिए कन्या लग्न के लिए शुक्र ग्रह शुभ फलदायी है। इस लग्न कुंडली के लिए सूर्य और बुध तटस्थ ग्रह होते है।
कन्या लग्न राशि वालों के लिए अशुभ ग्रह : (Kanya Lagna – Ashubh Grah)
कन्या लग्न के लिए मंगल ग्रह सबसे अशुभ होता है। जन्म कुंडली में मंगल तीसरे और आठवें का स्वामी ग्रह है। इसके अलावा बृहस्पति, चंद्रमा, राहु और केतु भी कन्या लग्न कुंडली के लिए मारक ग्रहों में आते है।
कन्या लग्न वालों के लिए शुभ रंग : (Kanya Lagna – Shubh Rang)
कन्या लग्न वालों के लिए हल्का हरा, गहरा हरा, रॉयल ब्लू सबसे शुभ होता है।
कन्या लग्न वालों के लिए भाग्यशाली रत्न : (Kanya Lagna – Bhagyashali Ratna)
कन्या लग्न वालों के लिए रत्नों में हरा पन्ना और हीरा बहुत ही शुभ फलदायी तथा भाग्यशाली साबित होता है।
Frequently Asked Questions
1. कौन सी जल तत्व लग्न, कन्या लग्न वालों के लिए शुभ होती है?
कन्या लग्न वालों के लिए शुभ जल तत्व लग्न : कर्क लग्न, मीन लग्न।
2. कौन सी अग्नि तत्व लग्न कन्या लग्न वालों के लिए शुभ होती है?
कन्या लग्न वालों के लिए शुभ अग्नि तत्व लग्न : मेष लग्न और सिंह लग्न।
3. कौन सी रंग कन्या लग्न वालों के लिए शुभ होती है?
कन्या लग्न वालों के लिए हल्का हरा, गहरा हरा, रॉयल ब्लू रंग सबसे शुभ होती है।
4. कन्या लग्न वालों का शुभ रत्न कौन सा है?
कन्या लग्न वालों के लिए शुभ रत्न – हरा पन्ना और हीरा है।
5. कौन सा ग्रह कन्या लग्न के लिए योगकारक होता है?
शुक्र ग्रह, कन्या लग्न के लिए योगकारक होता है।
6. कौन सा ग्रह कन्या लग्न के लिए अशुभ होता है?
कन्या लग्न के लिए अशुभ ग्रह – मंगल, बृहस्पति, चंद्रमा, राहु और केतु है।