वैदिक ज्योतिष तथा ज्योतिष शास्त्र में कर्क लग्न (Kark Lagna)
वैदिक ज्योतिष तथा ज्योतिष शास्त्र में कुल 12 लग्न है और उन लग्नों में “चतुर्थ लग्न” है “कर्क लग्न” (Kark Lagna)। कर्क लग्न के स्वामी “चंद्र देव” हैं। इस लेख में हमने कर्क लग्न से जुड़ी सभी जरूरी बातों को शामिल किया है, जैसे की : कर्क लग्न का व्यक्तित्व, कर्क लग्न के लोगों का शारीरिक गठन तथा स्वास्थ्य, कर्क लग्न के जातकों का प्रेम सम्बन्ध। इसके साथ ही हम जानेंगे, कर्क लग्न के लोगों के शुभ ग्रह तथा अशुभ ग्रह, शुभ रंग तथा शुभ रत्न क्या है? तो, चलिए जान लेते है, कर्क लग्न से जुड़ें इन जरुरी बातों को :
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में कर्क लग्न : (Vedic Jyotish Shastra Me Kark Lagna)
वैदिक ज्योतिष के अनुसार कर्क लग्न के जातक सौम्य स्वभाव के होते हैं। कर्क लग्न का प्रतीक है “केकड़ा” इसलिए इस लग्न के लोग ऊपर से तो कठोर लगते है परन्तु अंदर से कोमल और संवेदनशील होते हैं ।
कर्क – “जल तत्व” की राशि है। इस लग्न के जातक संवेदनशीलता के साथ कठोर वाणी, मूडी, और लोगों से दूरी बनाकर रखते है। चंद्र ग्रह के प्रभाव के कारण ये अत्यधिक भावुक और न्यायप्रिय होते है।
कुल मिलाकर, कर्क लग्न के जातक एक खुशनुमा जीवन जीते है पर छोटी-छोटी बातों से उनके दिल को आघात पहुँचता रहता है। यदि ये किसी के शब्दों को न देखकर उनके स्वभाव को देखें तो इनका जीवन सुखमय बीत सकता है ।
कर्क लग्न के जातक का व्यक्तित्व : (Kark Lagna Ke Jatak Ka Vyaktitva)
कर्क लग्न के लग्नाधिपति चन्द्रमा है इस कारण कर्क लग्न के जातक में अंतर्ज्ञान और संवेदनशीलता पाया जाता है। इस लग्न के जातक मिलनसार प्रवृत्ति के होते हैं। ये स्वभाव से सहज अर्थात सुलझे हुए होते हैं। इन्हें अचानक से आये हुए खतरे भी पसंद होते हैं। किसी भी स्थिति से खुद को बचाकर बाहर निकलने की कला कर्क लग्न वालों के पास होती है। इस लग्न के जातकों की मानसिक स्थिति गजब की होती है।
कर्क लग्न के जातक कठोर परिश्रम करने से पीछे नहीं हटते पर उन्हें इच्छित फल की प्राप्ति बहुत देर से होती है। कर्क लग्न के जातकों में देश भक्ति और समाज सेवा की भावना प्रबल होती है और ये किसी की भी आंतरिक भावना को भली भांति समझ लेते हैं। इस लग्न के जातक ज्यादातर सरकारी क्षेत्रों में या सम्मानित पदों पर आसीन होकर मान – सम्मान तथा प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं।
यदि जन्म कुंडली में चंद्र अपनी उच्च राशि या शुभ स्थानों में हो तो व्यक्ति समाज में मान सम्मान प्राप्त करने वाले तथा आर्थिक रूप से संपन्न होता है। ऐसे जातक धर्म पर विश्वास तो करते है पर धार्मिक क्रियाकलापों में कम हिस्सा लेते हैं। कर्क लग्न के जातकों में और भी कई गुण होते है, जो इस प्रकार है :
- इस लग्न के जातक अत्यंत भावुक होते हैं।
- औरों के मन की बात आसानी से समझ जाते हैं ।
- इस लग्न के जातक अपने आप को बचाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं ।
- किसी के भी बातों का जल्दी बुरा मान जाते हैं और उन बातों को जल्दी भूला भी देते हैं ।
- मन में भले ही क्रोध की भावना हो फिर भी दूसरों की मदद करने से पीछे नहीं हटते ।
- इस लग्न के जातक भौतिक सुख साधनों को अपने दम पर ही अर्जित करना पसंद करते हैं।
कर्क लग्न के जातक की शारीरिक विशेषता : (Kark Lagna – Sharirik Visheshta)
कर्क लग्न के जातक का चेहरा पूर्ण गोलाकार, गोल आँखें और रंग गोरा होता है। इनका वजन कम होता है खास तौर से कूल्हे के पास। इनके पाँव मजबूत होते हैं । कर्क लग्न वालों का शरीर सुन्दर और सुडौल होता है जिसके कारण इनके तरफ लोग आकर्षित हो जाते हैं ।
कर्क लग्न के जातक की मानसिक विशेषता : (Kark Lagna – Mansik Visheshta)
कर्क लग्न के जातक चंद्र के प्रभाव के कारण भावुक और एक बच्चे जैसा मन रखने वाले होते हैं। अपने भावुकता में आकर कभी-कभी अपना ही भला बुरा नहीं समझ पाते। ये बहुत शांत प्रकृति के होते है। इन्हें हमेशा भावनात्मक समर्थन की आवश्यकता होती है और जब इन्हें भावनात्मक समर्थन की जरूरत पड़ती है तो ये जरूरतमंद लोगों के पास जाते भी है। कुंडली में यदि चंद्र की स्थिति शुभ हो तो ये अपनी मंजिल को पाकर ही दम लेते है यदि चंद्र अशुभ भाव में हो तो इनका कोई निश्चित लक्ष्य नहीं होता। ऐसी स्थिति में ये भ्रम में फसे रह जाते है कि क्या करना सही होगा और क्या गलत।
कर्क लग्न : प्रेम और संबंध : (kark Lagna – Prem Sambandh)
चंद्र के प्रभाव के कारण इस लग्न के जातक मानसिक रूप से प्रेम और रिश्तों को मान्यता देते हैं। ये सच्चे मन से प्रेम निभाते है परन्तु इनके दाम्पत्य जीवन में प्रायः अनबन बनी रहती है। ये अपने रिश्तेदारों के प्रति भी प्रेम भावना रखते है और कोशिश करते है कि जितना हो सके औरों की सहायता की जा सके। ये अपने जीवनसाथी और बच्चों पर अपनी जान छिड़कते हैं ।
कर्क लग्न वालों का स्वास्थ्य : (Kark Lagna Walo Ka Swasthya)
कर्क लग्न के जातकों का वश उनके भावनाओं पर नहीं चलता इसलिए वो अवांछित अवसाद और तनाव का शिकार हो जाते हैं। इसका असर उनके पाचन क्रिया पर भी पड़ता है। इस लग्न के जातक पेट तथा पाचन तंत्र से सम्बंधित समस्याओं से भी ग्रसित हो सकते हैं। जन्म कुंडली में उपस्थित कमजोर चन्द्रमा श्वसन प्रणाली, फेफड़ों तथा सर्दी खांसी जैसी समस्याओं को जन्म देता है। इनके लिए जरूरी है कि ये अनावश्यक तनाव से बचें और सकारात्मक सोच अपनाएं ।
कर्क लग्न राशि वालों के लिए शुभ ग्रह : (Kark Lagna – Shubh Grah)
इस लग्न के लिए चंद्रमा और मंगल ग्रह अति शुभ फलदायी हैं, इस लग्न कुंडली में मंगल ग्रह राजयोग कारक होता है क्योंकि मंगल त्रिकोण और केंद्र का स्वामी अर्थात पांचवें और दसवें घर का स्वामी ग्रह होता है ।
कर्क लग्न राशि वालों के लिए अशुभ ग्रह : (Kark Lagna – Ashubh Grah)
कर्क लग्न के लिए बुध, बृहस्पति और शनि अशुभ ग्रहों के गिनती में आते है। सबसे नकारात्मक प्रभाव देने वाला ग्रह है बुध जो की लग्न कुंडली में बारहवें भाव का स्वामी है ।
कर्क लग्न वालों के लिए शुभ रंग : (Kark Lagna – Shubh Rang)
कर्क लग्न वालों के लिए सफेद और पीला रंग सबसे शुभ होता है।
कर्क लग्न वालों के लिए भाग्यशाली रत्न : (Kark Lagna – Bhagyashali Ratna)
कर्क लग्न वालों के लिए रत्नों में मोती बहुत ही शुभ फलदायी तथा भाग्यशाली साबित होता है।
Frequently Asked Questions
1. कौन सी लग्न राशि, कर्क लग्न वालों के लिए शुभ होती है?
कर्क लग्न वालों के लिए शुभ लग्न राशि : वृश्चिक, मीन ,तुला लग्न है ।
2. कौन सी लग्न राशि कर्क लग्न वालों के लिए शुभ होती है?
कर्क लग्न वालों के लिए अशुभ लग्न राशियां : मेष राशि, सिंह राशि और धनु राशि।
3. कौन सी रंग कर्क लग्न वालों के लिए शुभ होती है?
कर्क लग्न वालों के लिए सफेद और पीला रंग सबसे शुभ होती है।
4. कर्क लग्न वालों का शुभ रत्न कौन सा है?
कर्क लग्न वालों के लिए शुभ रत्न – मोती है।
5. कौन सा ग्रह कर्क लग्न के लिए योगकारक होता है?
चंद्रमा और मंगल ग्रह कर्क लग्न के लिए योगकारक होता है।
6. कौन सा ग्रह मिथुन लग्न के लिए अशुभ होता है?
कर्क लग्न के लिए अशुभ ग्रह – बुध, बृहस्पति और शनि है।