माँ ब्रह्मचारिणी के मंत्र – Maa Brahmacharini Mantra | Free PDF Download
माँ ब्रह्मचारिणी उपासना मंत्र
दधाना कपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
माँ ब्रह्मचारिणी आरती
जय माँ ब्रह्मचारिणी, ब्रह्मा को दिया ग्यान।
नवरात्रे के दुसरे दिन सारे करते ध्यान॥
शिव को पाने के लिए किया है तप भारी।
ॐ नमो शिवाय जाप कर शिव की बनी वो प्यारी॥
भक्ति में था कर किया कांटे जैसा शरीर।
फलाहार ही ग्रहण कर सदा रही गंभीर॥
बेलपत्र भी चबाये थे मन में अटल विशवास।
जल से भरा कमंडल ही रखा था अपने पास॥
रूद्राक्ष की माला से करूँ आपका जाप।
माया विषय में फंस रहा, सारे काटो पाप॥
नवरात्रों की माँ, कृपा करदो माँ।
जय ब्रह्मचारिणी माँ, जय ब्रह्मचारिणी माँ॥
माँ ब्रह्मचारिणी के ध्यान मंत्र
वन्दे वांच्छितलाभायचन्द्रर्घकृतशेखराम्।
जपमालाकमण्डलुधराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥
गौरवर्णास्वाधिष्ठानास्थितांद्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम्।
धवल परिधानांब्रह्मरूपांपुष्पालंकारभूषिताम्॥
पद्मवंदनापल्लवाराधराकातंकपोलांपीन पयोधराम्।
कमनीयांलावण्यांस्मेरमुखीनिम्न नाभि नितम्बनीम्॥
माँ ब्रह्मचारिणी स्तोत्र
तपश्चारिणीत्वंहितापत्रयनिवारिणीम्।
ब्रह्मरूपधराब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥
नवचक्रभेदनी त्वंहिनवऐश्वर्यप्रदायनीम्।
धनदासुखदा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥
शंकरप्रियात्वंहिभुक्ति-मुक्ति दायिनी।
शान्तिदामानदा,ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्।
माँ ब्रह्मचारिणी कवच
त्रिपुरा में हृदये पातुललाटे पातु शंकर भामिनी।
अर्पणा सदापातु नेत्रो अर्धरोचकपोलो॥
पंचदशी कण्ठेपातुमध्यदेशे पातुमहेश्वरी॥
षोडशी सदापातुनाभोगृ होचपादयो।
अंग प्रत्यंग सतत पातुब्रह्मचारिणी॥
माँ ब्रह्मचारिणी बीज मंत्र
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं ब्रह्मचारिणीय नमः।
ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम ॥