महाराज अग्रसेन जी की आरती | Maharaja Agrasen Ji Ki Aarti | Free PDF Download
|| महाराज अग्रसेन जी की आरती ||
जय श्री अग्र हरे, स्वामी जय श्री अग्र हरे |
कोटि कोटि नत मस्तक, कोटि कोटि नत मस्तक,
सादर नमन करें ||
जय श्री अग्र हरे………………
आश्विन शुक्ल एकं, नृप वल्लभ जय |
अग्र वंश संस्थापक, नागवंश ब्याहे ||
जय श्री अग्र हरे………………
केसरिया थ्वज फहरे, छात्र चवंर धारे |
झांझ, नफीरी नौबत बाजत तब द्वारे
जय श्री अग्र हरे………………
अग्रोहा राजधानी, इंद्र शरण आये |
गोत्र अट्ठारह अनुपम, चारण गुंड गाये ||
जय श्री अग्र हरे………………
सत्य, अहिंसा पालक, न्याय, नीति, समता |
ईंट, रूपए की रीति, प्रकट करे ममता ||
जय श्री अग्र हरे………………
ब्रह्मा, विष्णु, शंकर, वर सिंहनी दीन्हा |
कुल देवी महामाया, वैश्य करम कीन्हा ||
जय श्री अग्र हरे………………
अग्रसेन जी की आरती, जो कोई नर गाये |
कहत त्रिलोक विनय से सुख संम्पति पाए ||
जय श्री अग्र हरे………………
।। इति महाराजा अग्रसेन आरती समाप्त ।।
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