मखाना क्या होता है, फायदे, कीमत, और बनाने का तरीका (Makhana Kya Hota hai, fayde, kimat aur banane ka tarika)
मखाना या कमल का बीज के नाम से मशहूर यह फल धार्मिक पर्व में प्राचीन काल से उपवास के समय खाया जाता है। यह अत्यंत गुणकारी है और इसका इस्तेमाल मिठाई, नमकीन, खीर इत्यादि में प्रयोग किया जाता है। मैग्नीशियम पोटेशियम फाइबर आयरन जिंक आदि पौष्टिक तत्व से भरपूर इस फल के गुणों के बारे में आज हम विस्तारपूर्वक जानेंगे और साथ में जानेंगे मखाना के फायदे, मखाना की कीमत, मखाना कैसे बनता है। तो चलिए शुरू करते है :
मखाना क्या होता है? (Makhana Kya Hota Hai ?)
जल में पाया जाने वाला यह पौधा कमल के समान दिखाई देता है। इसका पौधा कांटेदार कमल के समान गोलाकार होता है और पत्ते ऊपर से लाल तथा नीचे से बैंगनी रंग के होते हैं। इसके फल गोलाकार और बहुत मुलायम होते है तथा इसका बीज मटर जितना बड़ा होता है। इसमें फलों की संख्या 8 से 16, जो दिखने में हल्के काले रंग के होते हैं। इसे रेत में भूनकर खाया भी जाता है।
मखाने को लोग सहज रूप से भी खाते हैं क्योंकि ये बहुत स्वादिष्ट होता है। आयुर्वेद के अनुसार इसका प्रभाव ठंडक प्रदान करने वाला होता है। गर्भावस्था के समय मखाना शक्तिवर्धक होता है। इसके सेवन से सेक्स करने की इच्छा में वृद्धि हासिल होती है। पुरुषों में वीर्य संबंधी समस्या उत्पन्न होती है तो उसके लिए भी मखाना काफी फायदेमंद है। मखाना का चूर्ण बनाकर इसे किसी भी खाद्य सामग्री के साथ लिया जा सकता है।
मखाना के फायदे : (Makhana Ke Fayde)
आइए एक नजर डालते हैं फायदों से भरपूर इस स्वादिष्ट फल के बारे में और जानते है की ये किस प्रकार हमारे लिए फायदेमंद है :
मधुमेह में कारगर :
आजकल इस तेज तर्रार भागती हुई दुनिया में अनगिनत बीमारियों में काफी व्याप्त बीमारी है। मधुमेह जिसके होने के कई कारण है। मधुमेह शरीर में शुगर का स्तर बढ़ जाने के कारण होता है। असंतुलित भोजन मधुमेह होने का एक प्रमुख कारण है। मखाने को यदि खीर में डालकर खाया जाए तो मधुमेह में लाभ मिलता है।
प्रसव के बाद दर्द से राहत दिलाता है मखाना :
महिलाओं को केवल प्रसव पीड़ा से ही नहीं गुजरना पड़ता बल्कि बच्चे के जन्म के बाद भी उनके शरीर में दर्द बना रहता है। उस दर्द के निवारण के लिए मखाने का प्रयोग किया जा सकता है। मखाने के पत्तों को 10 मिलीलीटर पानी में डालकर काढ़ा बनाकर पीने से प्रसव के बाद होने वाले दर्द में आराम मिलता है।
कान में होने वाली पीड़ा में भी आराम :
कान में पीड़ा की समस्या होने से मखाने का बीज प्रयोग में लाने से राहत मिल सकती है। इसके लिए मखाने के बीजों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर एक या दो बूंद कान में डालने से कान में होने वाले दर्द में राहत मिलती है।
गठिया के दर्द से राहत :
गठिया के कारण शरीर के जोड़ों में उठने वाला दर्द, हाथ पैरों में होने वाला दर्द आदि, से निजात पाने के लिए मखाने के पत्तों को पीसकर दर्द वाली जगह पर लगाने से आराम मिलता है।
जलन से आराम :
मखाने का सेवन दूध में डालकर करने से शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों में पड़ने वाली जलन से राहत मिलती है।
शारीरिक कमजोरी को दूर भगाएं :
मखाने के बीजों का सेवन शारीरिक कमजोरी को दूर भगा सकता है। इसका बारीक चूर्ण बनाकर आप दूध के साथ सेवन कर सकते हैं।
हृदय के लिए बहुपयोगी मखाना :
मखाना दिल के लिए काफी फायदेमंद होता है। हृदयाघात जैसी गंभीर समस्या से निजात पाने के लिए एवं शरीर में रक्त की पूर्ति के लिए उचित मात्रा में मखाना लिया जा सकता है।
ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रखने के लिए :
उच्च रक्तचाप को नियंत्रण में रखने के लिए मखाना में पाए जाने वाली पोटेशियम की अधिक मात्रा और सोडियम की कम मात्रा उच्च रक्तचाप को कम करने में सहायक होती है।
अनिद्रा भगाने में :
आज के दौर के दैनिक जीवन में अनिद्रा एक आम समस्या है। मखाना अपने वाद श्यामक स्वभाव के कारण नींद लाने में लाभदायक है।
गुर्दे के लिए फायदेमंद :
नियमित रूप से मखाने को उचित मात्रा में लेने से गुर्दे स्वस्थ रहते हैं। इसके सेवन से गुर्दों की कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है।
गर्मी से राहत :
मखाने का गुण ठंडा होता है जो शरीर की गर्मी को शांत करने में राहत दिलाता है। इसके सेवन से गर्मी दूर रखी जा सकती है।
मसूड़ों के लिए मखाने :
अपने कषाय और शीत गुण के कारण मसूड़ों से निकलने वाले खून और सूजन को दूर करने में मखाने लाभदायक होते हैं।
नपुंसकता से बचने के लिए :
मखाने के सेवन से पुरुषों की नपुंसकता में भी बहुत हद तक लाभ मिल सकता है, क्योंकि मखानों में वीर्य शक्ति बढ़ाने के गुण होते हैं।
झुर्रियों से छुटकारा पाने में :
मखानों में स्निग्ध गुण होता है जिसके कारण इसका सेवन करने से झुर्रियों से छुटकारा पाया जा सकता है। मखाने त्वचा में तैलीय तत्व बनाए रखने में सहायक होते हैं जिसके कारण झुर्रियों को काफी हद तक रोका जा सकता है।
मखाना से दस्त में आराम :
गलत खाना खाने से लेकर अधिक खाना खाने तक कई वजह से लोगों को दस्त की शिकायत हो सकती है। मखानों का प्रयोग करने से दस्त में आराम मिलता है। मखानों को घी में भूनकर खाना चाहिए यह काफी सेहतमंद होता है।
मखाना कैसे बनता है : (Makhana Kaise Banta Hai?)मखाना के बीजों को दिसंबर माह से जनवरी के मध्य में बोए जाते हैं। अप्रैल माह में इसके पौधों में फूल आने लगते हैं और जुलाई माह में मखाने के फूल जल की सतह पर तैरने भी लगते हैं। मखाने का फल कांटेदार होते हैं और इस कारण बाद में ये जल के नीचे जाकर बैठ जाते हैं। करीब 1 से 2 महीनों के अंदर ही सारे कांटे भी गल जाते हैं और इसके बाद किसान सितंबर माह से अक्टूबर माह में मखाने के फूलों को जमा कर लेते हैं। इसके बाद, मखाने के बीजों को तेज धूप में अच्छी तरह से सुखाया जाता है। मखाने के बीजों पर ग्रेडिंग भी की जाती है।
Frequently Asked Questions
1. मखाना की कीमत कितनी होती है ?
मखाने थोड़े महंगे होते है। 1 किलोग्राम मखाने की कीमत 400 रुपये से 800 रुपये है।
2.मखाना की खेती भारत के अलावा कहाँ कहाँ होती है ?
मखाना की खेती भारत के अलावा रूस, चीन, कोरिया और जापान में भी की जाती है।
3. क्या मखाने की सब्जी भी बनाई जाती है ?
जी हाँ, मखाने के जड़कंद और डंठल की सब्जी भी बनाई जाती है।
4. क्या मखाने का सेवन डायबिटीज में कर सकते है ?
जी हाँ, मखाने का सेवन डायबिटीज में भी कर सकते है।