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मेहंदीपुर बालाजी से जुड़ें चमत्कारी बातें (Mehndipur Bala Ji Se Juden Chamatkari Bate)

मेहंदीपुर बालाजी से जुड़ें चमत्कारी बातें (Mehndipur Bala Ji Se Juden Chamatkari Bate)

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हमारा देश धर्म और अध्यात्म का देश है। हमारा देश धार्मिक और मंदिरों से जुड़े कार्य के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। वर्तमान समय में भी हमारे देश में कई सारे मंदिर है जो कि अपने आप में ही रहस्यों से भरे पड़ें है। यही कारण है कि हर मंदिर के पीछे कोई न कोई रहस्य अवश्य जुड़ा हुआ है।

इन्हीं सब मंदिरों में से एक मंदिर मेहंदीपुर बालाजी (bala ji mandir) का है, जिनके बारे में कई सारी रोचक कहानियां बताई जाती है। यह मंदिर राजस्थान राज्य के दौसा जिले के पास दो पहाड़ियों के बीच बना हुआ है।

पुराने ग्रंथों में चर्चा किए गए सात करोड़ मंत्रों में प्रभु हनुमान जी की पूजा की और उनके स्वरूप की खास चर्चा की जाती है। जैसे कि : रूद्र अवतार, सूर्य-शिष्य, श्री राम भक्त, केसरी नंदन, वायु पुत्र तथा श्री बालाजी के नाम से लोकप्रिय श्री हनुमानजी जी की पूजा पूरे भारत में काफी श्रद्धा से किया जाता है।

जानकारी के मुताबिक श्री बालाजी के इस मंदिर में आपको कई विचित्र चीजें दिखाई देगी जिसे देखकर आप काफी चौक जाएंगे और हो सकता है कि आप डर भी जाए। वैज्ञानिक का कहना है कि भूत प्रेत जैसी कोई चीज नहीं होती है लेकिन आपको इस मंदिर में कुछ ऐसा अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा जिसे देखकर आपको अपनी आंखों पर यकीन नहीं होगा और यकीनन आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे।

जानकारी के मुताबिक यहां पर काफी मात्रा में व्यक्ति भूत प्रेत जैसी समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए आते है। तो चलिए बगैर वक्त गवाएं जानते है मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की कई अलग अलग चौका देने वाली विशेष तथ्य जिनके बारे में सुनकर आप भी चौक जाएंगे।

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की कुछ चौका देने वाली बातें :

1. हम जब भी किसी मंदिर में जाते है तो वहां हमें आशीर्वाद के रूप में प्रसाद खाने को मिलता है। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि एक मंदिर ऐसा भी है जहां प्रसाद खाने से मना किया जाता है। यदि नहीं सुना तो अब जान लीजिए कि मेहंदीपुर बालाजी नाम की इस मंदिर में प्रसाद खाने से मना किया जाता है।

इसके अलावा यह भी सुनने में आया है कि इस मंदिर के प्रसाद को आप किसी भी व्यक्ति को प्रदान नहीं कर सकते है। यही नहीं चौका देने वाली बातों में से एक यह भी है कि यहां के प्रसाद को कोई भी व्यक्ति अपने घर भी नहीं ले सकता।

अब ये जान कर आपके मन में हजारों सवाल उठ रहे होंगे जैसे कि आखिर प्रसाद खाने के लिए क्यों मना किया जाता है, प्रसाद को घर क्यों नहीं ले जा सकते और प्रसाद किसी को क्यों नहीं दिया जा सकता ?

तो जानकारी के मुताबिक इस मंदिर की यह मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति इस मंदिर का प्रसाद अपने घर में ले जाता है तो उस व्यक्ति के ऊपर बुरा साया यानी कि भूत प्रेत का साया आ जाता है। जी हां मुझे पता है कि आप ये सुनकर चौक जाएंगे लेकिन लाखों से भी ज्यादा लोग इस पर यकीन करते है और इसपर आंख मूंद कर विश्वास करते है।

2. क्या आपने कभी सुना है कि किसी मंदिर की प्रतिमा से पसीना गिरता हो। मुझे पता है आपको ये सुनकर थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन यह बिल्कुल सच है। कहा जाता है कि मेहंदीपुर बालाजी के बाएं छाती में एक छोटा सा होल है और इस होल यानी कि छेद में से लगातार पानी बहता रहता है।

ये तो चौका देने वाली बात है ही लेकिन अब मैं आपको एक और चौका देने वाली बात बताने वाला हूं वो यह है कि ये जो बालाजी के बाएं छाती के छेद से जो पानी गिरता है उसे इनका पसीना कहा जाता है। जी हां कहा जाता है कि यह मेहंदीपुर बालाजी का यह पसीना है जो हमेशा गिरता रहता है।

3. जानकारी के अनुसार कहा जाता है कि कई वर्ष पूर्व प्रेत राजा और हनुमान जी दोनों एक साथ अरावली नाम के पर्वत पर प्रकट हुए थे। जहां पर काले जादू और बुरी आत्माओं से पीड़ित मरीजों का उपचार कर उसके अंदर के भूत को बाहर निकालने का कार्य किया जाता था। यह एक ऐसा मंदिर है जिसे इन रोगों से छुटकारा पाने का एकमात्र उपाय माना जाता है।

यही वजह है कि इस मंदिर के पंडित इन समस्याओं से छुटकारा दिलाने के कई उपाय भी बताते है। इस मंदिर की मान्यताओं को देखते हुए यहां पर काफी ज्यादा संख्याओं में मरीजों की लाइन लगी होती है। लेकिन चौका देने वाली बात तो यह है कि यहां पर लोग अपनी समस्याओं को दूर करके और स्वस्थ हो कर वापस जाते है।

4. पुरानी कथाओं के मुताबिक इस मंदिर में दिव्य शक्तियां है जिससे लोगों को बुरे साए से छुटकारा दिलाया जाता है। जी हां इस मंदिर में जो भी मरीज आते है जिस पर बुरा साया हो वो यहां से बिल्कुल ठीक होकर जाते है।

यह भी मानना है कि प्रभु बालाजी महाराज अपने दरबार में आने वाले सभी भक्तों के प्रतिकूल ग्रह दशाओं को भी सही कर देते है। इसके साथ ही भगवान श्री बाला जी न सिर्फ अपने दरबार में आने वाले भक्तों के दुख को हरते है बल्कि उन्हें रिद्धी और सिद्धी सुख शांति भी प्रदान करते है। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में प्रतिवर्ष होली के समय में बहुत सारे मरीजों को बुरे साए यानी कि भूत प्रेत और काले जादू से भी मुक्ति दिलाता जाता है।

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का इतिहास :

एक ऐसी भयानक जंगल में यह मंदिर बनाया गया है जहां पर पुराने समय में काफी ज्यादा हिंसक जंगल हुआ करता था। जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि श्री प्रेतराज सरकार और भगवान श्री बालाजी की मूर्ति यहां पर अरावली की पहाड़ियों में करीब करीब हजारों वर्ष पूर्व एक साथ प्रकट हुई थी।

कथाओं के अनुसार यह मानना है कि एक महंत को स्वप्न आया था जिसमें श्री बाला जी महाराज ने तीन सर्वश्रेष्ठ प्रभु और एक विशाल मंदिर का सपना देखा था। इसके अलावा महंत ने अपने सपने में एक आवाज भी सुनी थी जिसमें उन्हें खुद बाला जी महाराज ने अपनी सेवा करने का हुक्म सुनाया था।

महंत जी ने अपने सपने में देखा कि श्री बाला जी ने उन्हें जंगल का वो रास्ता भी दिखाया है जहां पर आज उनकी मंदिर स्थिर है। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि महंत जी को बालाजी भगवान ने खुद दर्शन भी दिया था और तब से महंत जी उस स्थान पर पूजा करने लगें।

Frequently Asked Questions

1. मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर कहां है ?

मंदिर मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर राजस्थान राज्य के दौसा जिले के पास दो पहाड़ियों के बीच में बना हुआ है।

2. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में प्रसाद खाना क्यों माना है और क्यों नहीं इस मंदिर के प्रसाद को कोई व्यक्ति घर ले जाता है ?

मंदिर मेहंदीपुर बालाजी के मंदिर में प्रसाद खाना और प्रसाद को घर ले जाने की मनाही इसलिए है क्योंकि यह मान्यता है कि जो भी यहां के प्रसाद का सेवन करते है उनके ऊपर बूरे साया का असर होने लगता है।

3. मंदिर मेहंदीपुर बालाजी के मंदिर से क्या सच में मरीज ठीक होकर जाते है ?

जानकारी के मुताबिक जी हां मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में सच में मरीज ठीक होकर घर वापस जाते है।