नाड़ी दोष और उसके उपाय (Nadi Dosh Aur Uske Upay)
सनातन यानि की हिन्दू धर्म परंपरा में विवाह से पहले भावी वर और वधू की कुंडलियों का मिलान किया जाता है। दोनों की जन्म कुंडलियों को इसलिए मिलाया जाता है ताकि उनमें किसी प्रकार का दोष ना हो और वे दोनों विवाह के बाद सुखद दांपत्य जीवन जी सके, साथ ही उनकी संतानें स्वस्थ हों और उनका आपस में तालमेल अच्छा बैठें। पर क्या आपको पता है कि वर और वधु के जन्म कुंडली के मिलान पर अगर आपको नाड़ी दोष मिल जाए तो इस विवाह को अच्छा नहीं माना जाता। आज हम जानेंगे नाड़ी दोष से जुड़ीं कुछ जरुरी बातों को जैसे की : नाड़ी दोष क्या है और उसे दूर करने के उपाय क्या है। तो चलिए शुरू करते है :
नाड़ी दोष का एक अपवाद भी है जब एक ही नक्षत्र के स्त्री और पुरुष के राशि अलग अलग हो या फिर एक ही राशि के स्त्री और पुरुष के नक्षत्र अलग अलग हो तो नाड़ी दोष खुद ब खुद नष्ट हो जाता है।
नाड़ी दोष क्या है ? (Nadi dosh Kya hai?)
वैदिक ज्योतिष के अनुसार नक्षत्रों द्वारा जन्म के समय का पता लगाते है और उन्हीं के आधार पर हम पता लगाते है नाड़ी के बारे में। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नाड़ी के कुल 3 प्रकार होते है, जैसे की :
- आदि नाड़ी
- मध्य नाड़ी
- अन्त्य नाड़ी
वर और वधु की जन्म कुंडली मिलान करते समय, अगर वर और वधु की नाड़ी अलग अलग हो तो इसके लिए 8 अंक मिलते है पर अगर दोनों की नाड़ी एक हो तो नाड़ी अंक 0 मिलता है। इसलिए ऐसा माना जाता है की वर वधु का एक नाड़ी होने से विवाह को अशुभ माना जाता है और अलग अलग नाड़ी होने पर विवाह अति शुभ माना जाता है।
नाड़ी दोष के दुष्प्रभाव : (Nadi Dosh Ke Dushprbhav)
- वैदिक शास्त्र के अनुसार नाड़ी दोष होने के बाद भी यदि विवाह कर दिया जाए तो दांपत्य जीवन में पति या पत्नी को कई तरह के शारीरिक रोग होने की सम्भावना रहती है।
- नव दंपत्तियों के संतानों में रक्त से संबंधित कोई न कोई गंभीर बीमारी जरूर होती है।
- ऐसा भी देखा गया है कि नव दंपतियों को संतान सुख प्राप्त नहीं होता।
- संतान के जन्म के बाद उन्हें भी किसी न किसी प्रकार का शारीरिक कष्ट अवश्य होता है।
- ऐसा भी देखा जाता है की अगर एक ही नाड़ी के स्त्री पुरुष का विवाह कर दिया जाता है तो उनके बिच अनबन बनी रहती है और बात तलाक तक चली जाती है।
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नाड़ी दोष को रद्द कैसे करें ? (Nadi Dosh Ko Rad Kaise Kare?)
ज्योतिष में ऐसे कई नियम है जिनके द्वारा नाड़ी दोष अपने आप ही रद्द हो जाते है, आइये जानते है उन नियमों के बारे में :
- जब वर और वधि की राशि एक हो और नक्षत्र अलग अलग हों तो नाड़ी दोष नष्ट हो जाती है।
- जब वर और वधु की नक्षत्र एक और राशि अलग हो तो ऐसी स्थिति में भी नाड़ी दोष स्वतः नष्ट हो जाते है।
- वर और वधु का नक्षत्र एक होने पर भी अगर अगर नक्षत्र चरण अलग अलग हो तो भी नाड़ी दोष नहीं लगती।
- वैदिक ज्योतिष के अनुसार, वर्ण व्यवस्था के अनुसार भी विवाह के लिए दोष को निर्धारित किया गया है जैसे की :
1. ब्राह्मणों के लिए नाड़ी दोष
2. क्षत्रियों के लिए वर्ण दोष
3. वैश्य के लिए गण दोष
4. शूद्र के लिए योनि दोष
- नक्षत्रों के अनुसार, रेवती, मृगशिरा, कृतिका, ज्येष्ठा, उत्तराभाद्रपद और रोहिणी नक्षत्र में नाड़ी दोष को मान्यता नहीं दी गई है अर्थात इन नक्षत्रों में नाड़ी दोष का प्रभाव विवाहित जोड़ों पर नहीं पड़ता है।
नाड़ी दोष दूर करने के उपाय : (Nadi Dosh Dur Karne Ke Upay)
- ज्योतिष शास्त्र में नाड़ी दोष को दूर करने के लिए कई उपाय बतलाये गए है। आइए जानते है उन उपायों के बारे में :
- ज्योतिष शास्त्र में नाड़ी दोष दूर करने के लिए नाड़ी निवारण नाम की पूजा कराइ जाती है। आप किसी ज्ञानी पंडित या ज्योतिषी से इस पूजा को करवा सकते है।
- ऐसा माना जाता यही की ब्राह्मणों को स्वर्ण दान, गौ दान, वस्त्र या अनाज का दान करने से भी नाड़ी दोष से नुक्ती मिल जाती है।
- नाड़ी दोष होने पर पुरे विधि विधान के साथ महामृत्युंजय मन्त्र की जाप करें।
- यदि कसी लड़की को नारी दोष हो तो ऐसी लड़की को पहले भगवान विष्णु से वीवाह करनी चाहिए जिससे की नाड़ी दोष के बुरे प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है।
नोट : वर या वधु की कुंडली में नाड़ी दोष होने पर आप पहले किसी ज्योतिष विशेष्ज्ञ से सलाह ले लें और विवाह के पहले ही नाड़ी दोष का निवारण कर लें। यदि कसी कारण वश विवाह हो चूका है तो इसका भी उपाय आप किसी कुशल ज्योतिषी से अवश्य जान लें। ऐसा करने से आप नाड़ी दोष से होने वाले बहुत बड़े विपदा से बच सकते है।
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Frequently Asked Questions
1. मेरा विवाह जिस लड़की से होने वाला है उसकी और मेरी नाड़ी एक ही है। क्या ऐसी स्थिति में विवाह संभव है ?
यदि आपकी और आपकी होने वाली जीवन साथी की नाड़ी एक ही है तो या तो आप नाड़ी दोष निवारण पूजा करवा लें या फिर आपकी जीवन संगिनी का विवाह भगवान् विष्णु से करवा दें।
2. मैं एक महिला हूँ और मेरा विवाह हो चूका है पर मेरे और मेरे पति की नाड़ी एक ही है जिसके कारण हमारे बीच बहुत झगड़ें होते है। ऐसी स्थिति में क्या उपाय करें?
विवाह यदि हो चूका हो और उसके बाद नाड़ी दोष के बारे में पता चले तो ऐसी स्थिति में विवाह के बाद शादी शुदा जोड़ों को महामृत्युंजय मंत्र का जाप पुरे विशि विधान के साथ करनी चाहिए।
3. क्या ब्राह्मणों को दान देने से भी नाड़ी दोष का निवारण होता है ?
जी हाँ ऐसा माना जाता है कि ब्राह्मणों को स्वर्ण, वस्त्र, अनाज या फिर गौ दान करने से भी नाड़ी दोष का निवारण होता है।
4. क्या नाड़ी दोष का दुष्प्रभाव संतान पर भी पड़ती है?
जी हाँ नाड़ी दोष का दुष्प्रभाव संतान पर भी पड़ती है।