नवग्रह को प्रसन्न करने के सबसे आसान और चमत्कारी उपाय (Navgrah ko Prasan karne ke Sabse Asan aur Chamatkari Upay)
वैदिक ज्योतिष के द्वारा जब भी किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली का विश्लेषण किया जाता है तब नव-ग्रहों की स्थिति को देखा जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, नवग्रह ही किसी भी व्यक्ति के भूत, भविष्य तथा वर्तमान को प्रभावित करते है। सौरमंडल के प्रत्येक ग्रह “शुभ” और “अशुभ”, दोनों ही परिणाम देने की “शक्ति” रखते है। किसी भी जन्म कुंडली का अध्ययन ज्योतिष, ग्रहों के आधार पर ही करते है और इसलिए जब भी कुंडली में कोई ग्रह कमजोर अवस्था में दिखता है, तब ज्योतिष उस ग्रह को बलवान बनाने के लिए टोटके और उपाय (Totke aur Upay) बतलाते है। कुछ लोगों का मानना होता है कि सभी ग्रहों का एक ही उपाय होता है पर ऐसा नहीं है नवग्रहों में प्रत्येक ग्रह का अपना अलग अलग उपाय होता है। आज हम आपको नवग्रहों को प्रसन्न करने के सबसे आसान और चमत्कारी उपायों के बारे में बताएंगे। तो चलिए जान लेते है उन उपायों के बारे में :
नवग्रह को प्रसन्न करने के सबसे आसान और चमत्कारी उपाय :
1. सूर्य : (Surya Ke Upay)
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सूर्य की नवग्रहों में गिनती होती है और सूर्य को सबसे महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा प्राप्त है। सूर्य की अपनी राशि “सिंह” है और “तुला” सूर्य की सबसे नीच राशि मानी जाती है। ज्योतिष के अनुसार सूर्य को “आत्मा” का कारक ग्रह माना गया है, साथ ही साथ कुंडली में सूर्य जातक के पिता को दर्शाता है। आइये जानते है सूर्य को प्रसन्न करने के उपाय :
- सूर्य की शांति के लिए रविवार का व्रत रखें तथा गरीब लोगों को गुड़ से बनी खीर खिलाएं।
- सूर्य से सम्बंधित चीजें, जैसे की – गुड़, गेहूं, तांबा तथा सोना का दान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है ।
- सूर्य के शुभ फलों की प्राप्ति के लिए अपने बुजुर्गों तथा पिता की सेवा करें।
- प्रातःकाल, लाल रंग के फूलों वाले पौधों तथा वृक्षों को जल देना अति शुभ माना जाता है।
- सूर्य को बलवान बनाने के लिए बछड़े सहित गाय का दान करें।
2. चंद्रमा : (Chandrama Ke Upay)
वैदिक ज्योतिष में नवग्रहों में चन्द्रमा को एक अलग मुख्य तथा भिन्न स्थान प्राप्त है । चंद्रमा को स्त्री ग्रह का दर्जा प्राप्त है। जन्म कुंडली में चन्द्रमा मन तथा माता का प्रतिनिधित्व करता है। आइये जानते है चन्द्रमा को प्रसन्न करने के उपाय :
- बरगद के पेड़ पर जल चढ़ाएं ।
- अपने घर में चांदी की थाली अवश्य रखें।
- छोटी बच्चियों को 43 दिन तक लगातार हरे रंग के कपड़े दान में दें ।
- माँ दुर्गा की पूजा करें तथा छोटी कन्याओं को माँ का स्वरूप मानकर उनके पांव छुए और उन्हें भोजन कराएं ।
- शुभ कार्यों को शुरू करने से पहले किसी पात्र में दूध भरकर अवश्य रखें।
- धार्मिक स्थानों के यात्रा पर जाएँ ।
3. मंगल : (Mangal Ke Upay)
जन्म कुंडली में मंगल की 2 राशियां होती है – मेष राशि और वृश्चिक राशि। मंगल मकर की राशि में उच्च का तथा कर्क राशि में नीच का होता है। जन्म कुंडली में मंगल यदि शुभता लिए हुए हो, तो जातक देखने में आकर्षक और तेजस्वी होता है साथ ही साथ ऐसे जातक ऊर्जावान भी होते है। आइये जानते है मंगल को प्रसन्न करने के उपाय :
- मंगलवार का व्रत करें या मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- बरगद के पेड़ में मीठा दूध चढ़कर उसके जड़ के पास की मिटटी को अपने नाभि पर लगाएं।
- भगवान शिव पर जल अर्पित करें।
- अपने घर में हिरण की खाल रखना लाभकारी होगा।
- ससुराल वालों के लिए प्याऊ का निर्माण करवाएं।
- भाइयों के साथ अच्छा व्यवहार तथा उनका सम्मान करें।
- घर में नीम का पेड़ लगाएं।
4. बुध : (Budh Ke Upay)
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुध ग्रह – बुद्धि, वाणी तथा मित्रता का कारक ग्रह है। सनातन धर्म में बुध ग्रह को चन्द्रमा का पुत्र माना गया है। विवाह के लिए बुध को कारक ग्रह माना जाता है। कुंडली में बुध के बलि होने से जातक खुशमिजाज, मजाकिया तथा मृदुभाषी होते है साथ ही साथ जातक दिखने में काफी सुन्दर तथा चमकदार आँखों वाला होता है । आइये जानते है बुध को प्रसन्न करने के उपाय :
- किसी भी माह के शुक्ल पक्ष की बुधवार को भगवान विष्णु का ध्यान कर के बीज मंत्र का जाप करें ।
- बुध के बुरे प्रभावों को नष्ट करने के लिए बुधवार का व्रत भी कर सकते है। 27 बुधवार तक व्रत रखें तथा गायों को हरा चारा अवश्य खिलाएं ।
- बुध के बुरे प्रभावों को नष्ट करने के लिए भगवान श्री गणेश की पूजा करनी चाहिए। हर बुधवार को भगवान श्री गणेश के मंदिर जाकर लड्डू का प्रसाद चढ़ाएं।
- बुधवार के दिन ब्राह्मणों को हरे वस्त्र, हरी सब्जियां, मूंग की दाल तथा हरे रंग के वस्तु दान में दें, इससे बुध मजबूत तथा बलवान हो जाता है ।
- बुधवार के दिन गाय को हरी पत्तियां या हरी घास अवश्य खिलाएं ।
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5. बृहस्पति : (Brihaspati Ke Upay)
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जन्म कुंडली में बृहस्पति को 2 राशियों अर्थात धनु राशि और मीन राशि के स्वामी का स्थान प्राप्त है। बृहस्पति – मकर राशि में नीच के होते है। यदि जन्म कुंडली में बृहस्पति मजबूत अवस्था में हो तो जातक देखने में मनमोहक, तेजस्वी तथा आकर्षक होगा। आइये जानते है बृहस्पति को प्रसन्न करने के उपाय :
- अपने से बड़ों तथा महिलाओं का सम्मान करें।
- भगवान श्री हरि की पूजा करें।
- शरीर पर सोना धारण करें।
- अपनी नाभि पर केसर का तिलक लगाएं ।
- संत महात्मा तथा गुरुओं की सेवा करे और उन्हें वस्त्र भेंट में दें।
- अपने भाग्य पर विश्वास रखें।
- चना दाल को एक पिले रंग के कपड़ें में बांधकर किसी मंदिर के पुजारी को दान में दें।
6. शुक्र : (Shukra Ke Upay)
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जन्म कुंडली में शुक्र को 2 राशियां अर्थात वृष राशि और तुला राशि के स्वामी का स्थान प्राप्त है। शुक्र – कन्या राशि में नीच के होते है। यदि जन्म कुंडली में शुक्र मजबूत अवस्था में हो तो जातक देखने में सुन्दर और आकर्षक होगा। आइये जानते है शुक्र को प्रसन्न करने के उपाय :
- लक्ष्मीनारायण के मंदिर जाकर “लक्ष्मी चालीसा” का पाठ अवश्य करें ।
- माँ दुर्गा की पूजा करें ।
- स्त्रियों का सम्मान करें ।
- किसी को धोखा न दें ।
- काली गाय की सेवा करें।
- किसी भी बड़े फैसले से पहले अपने से बड़े व्यक्ति या किसी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
- मधु, देशी खांड या सौंफ का सेवन जरूर करें ।
7. शनि : (Shani Ke Upay)
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जन्म कुंडली में शनि को 2 राशियों अर्थात मकर राशि और कुंभ राशि के स्वामी का स्थान प्राप्त है। शनि – मेष राशि में नीच के होते है। शनि, भगवान सूर्य देव के पुत्र है तथा यमदेव के भाई। शनि न्यायाधीश है – ये कर्म के देवता है। आइये जानते है शनि को प्रसन्न करने के उपाय :
- काली गाय का दान करें ।
- शनिवार को एक लोहे के बर्तन में चावल, दही और नमक मिलाकर, कौओं को खिला दें ।
- शनि पीड़ित इंसान को शनिवार के दिन सरसों का तेल,चमड़े का जूता, उड़द की दाल, काले टिल तथा बर्तन और कम्बल दान में देने चाहिए ।
- शनि के शुभ फलों की प्राप्ति के लिए मोर पंख को अपने पास रखें ।
- शनि को बलि बनाने के लिए तथा इसके प्रकोप से बचने के लिए शनिस्तोत्रम, हनुमान चालीसा तथा महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें ।
- शनिवार को पीपल के जड़ पे जल चढ़ाकर सरसों के तेल का दिया जलाएं ।
8. राहु : (Rahu Ke Upay)
वैदिक ज्योतिष में राहु को क्रूर ग्रह बताया गया है। राहु यदि किसी के जन्म कुंडली में शुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति अध्यात्म, धन, मान-सम्मान – हर चीज प्राप्त करता है। यदि जन्म कुंडली में राहु बुरे स्थिति में हो तो जातक कठोर वाणी, गलत काम करने वाला, बीमारियों से ग्रस्त, आत्मविश्वास से रहित होता है। आइये जानते है राहु को प्रसन्न करने के उपाय :
- माँ शेरावाली की पूजा करें ।
- पिता, गुरु तथा अपने से बड़े व्यक्ति का सम्मान करें ।
- जातक को चांदी के आभूषण पहनने चाहिए ।
- किसी नदी या बहते पानी में नारियल प्रवाहित करें।
- अपने पास मोर का पंख रखें।
- चन्दन, केसर या हल्दी का तिलक लगाएं।
9. केतु : (Ketu Ke Upay)
जन्म कुंडली में केतु की अपनी कोई भी राशि नहीं होती लेकिन केतु की उच्च की राशि धनु है और नीच की राशि मिथुन। केतु जिस भी ग्रह के साथ जन्म कुंडली के किसी भी भाव में बैठ जाता है तो उसका छाया बनकर शुभ और अशुभ फल देता है। आइये जानते है केतु को प्रसन्न करने के उपाय :
- भगवान श्री गणेश जी की पूजा करें।
- माँ दुर्गा की उपासना करें।
- बन्दर को गुड़ खिलाएं।
- केसर, हल्दी या चंदन का तिलक करें।
- अपने भोजन में से कुछ हिस्सा काला या सफ़ेद कुत्ते को खिलाएं।
- लड़कियों का सम्मान करें।
- किसी नदी में चावल और गुड़ प्रवाहित करें।
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Frequently Asked Questions
1. केतु के उपायों को कौन से दिन करना उचित होगा ?
केतु के उपायों को शनिवार और मंगलवार के दिन करना उचित होगा।
2. सूर्य के उपायों को कौन से दिन करना उचित होगा ?
सूर्य के उपायों को रविवार के दिन करना उचित होगा।
3. मंगल के उपायों को कौन से दिन करना उचित होगा ?
मंगल के उपायों को मंगलवार के दिन करना उचित होगा।
4. शनि के उपायों को कौन से दिन करना उचित होगा ?
शनि के उपायों को शनिवार के दिन करना उचित होगा।