पूजा के दौरान याद रखें ये 15 नियम (Pooja Ke Dauran Yaad Rakhe Ye 15 Niyam)
सिर्फ पूजा कर देना और विधिवत पूजा करने में बहुत अंतर होता है। सिर्फ मनोकामना पूर्ति के लिए ही पूजा कर देने से कुछ भी हासिल नहीं होता। पूजा का फल और शांति के लिए कुछ नियमों का पालन करना बहुत जरूरी होता है। जैसे की किस भगवन की पूजा में कौन से फल-फूल चढ़ाने चाहिए, दीपक को कहा स्थापित करना चाहिए तथा दूर्वा (घास) या तुलसी को किस दिन तोडना चाहिए इत्यादि बातों का पूरा ख्याल रखना भी जरूरी होता है तभी इंसान की पूजा सफल होगी और वो सुखी और शांत जीवन जी पायेगा। तो चलिए जान लेते है, पूजा के दौरान याद रखे जाने वाले 15 खास नियमों के बारे में :
- भगवान श्री गणेश, भगवान भोलेनाथ और भैरवनाथ जी के पूजा में तुलसी के पत्तों को चढ़ाने की साफ़ मनाही है। इसलिए, भूलवश भी तुलसी के पत्तों को इन देवों के मूर्तियों पर अर्पित ना करें।
- कभी भी बिना स्नान किये तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए। मान्यता है कि, यदि कोई बिना नहाये तुलसी के पत्तों को तोड़कर किसी भी भगवान की मूर्ति पर चढ़ाता है तो ईश्वर उन्हें स्वीकार नहीं करते।
- हिन्दू मान्यताओं के अनुसार तुलसी के तोड़े गए पत्ते भी 11 दिनों तक ताजे माने जाते है। इसलिए, 11 दिनों बाद भी तुलसी के तोड़े गए पत्ते या ईश्वर पर अर्पित हो चुके पत्तों पर जल छिड़कर ईश्वर को चढ़ा सकते है ।
- तुलसी के पत्तों को संध्या समय, रविवार, संक्रांन्ति, एकादशी तथा द्वादशी नहीं तोड़नी चाहिए।
- भगवान सूर्य देव को शंख के जल या शंख द्वारा जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
- पंचदेवों का नियमित रूप से पूजा अर्चना करना चाहिए अर्थात प्रभु श्री गणेश, सूर्य देव, माँ दुर्गा, भगवान शिव और भगवान नारायण की प्रतिदिन पूजा करें इससे माता लक्ष्मी का आपके घर में आगमन होता है।
- 7 गणेश जी को चढ़ने वाली दूर्वा (घास) माँ दुर्गा को नहीं चढ़ाई जाती।
- हिन्दुमान्यताओं के अनुसार पीपल के वृक्ष में बुधवार और रविवार को जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
- दूर्वा भूल से भी रविवार के दिन नहीं तोड़नी चाहिए।
- गंगाजल को प्लास्टिक के बोतल में ना रखें। गंगा जल को सिर्फ शुद्ध तांबे के बर्तन में ही रखें। लोहे और एल्युमीनियम के बर्तनों में भी गंगाजल नहीं रखना चाहिए।
- हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, केतकी के फूल भगवान शिव शंकर और शिवलिंग पर नहीं चढ़ानी चाहिए।
- जब भी आप कोई पूजा करें तो दक्षिणा अवश्य चढ़ाये।
- माता लक्ष्मी को कमल का पुष्प अतिप्रिय है इसलिए माँ लक्ष्मी की पूजा में कमल का पुष्प अवश्य चढ़ाये और साथ में खीर का भोग लगाएं। कमल के पुष्प पर 5 दिनों तक जल छिड़क कर पुनः चढ़ाया जा सकता है।
- शास्त्रों के अनुसार, दीपक से दीपक जलाना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति रोगी हो जाता है।
- प्रत्येक दिन सुबह और शाम को अपने घर के मंदिर में घी का दीपक जरूर जलाएं। एक दीपक घी का और एक दीपक तेल का जलाना भी शुभ होता है।
Frequently Asked Questions
1. क्या भगवान शिव को केतकी के पुष्प चढ़ा सकते है?
जी नहीं, भगवान शिव को केतकी के पुष्प नहीं चढ़ानी चाहिए।
2. दूर्वा किस दिन नहीं तोड़नी चाहिए ?
दूर्वा भूल से भी रविवार के दिन नहीं तोड़नी चाहिए ।
3. माता लक्ष्मी को कौन सा पुष्प चढ़ाना चाहिए?
माता लक्ष्मी को कमल का पुष्प चढ़ाना चाहिए ।
4. तुलसी का पत्ता किस दिन नहीं तोड़नी चाहिए?
तुलसी के पत्तों को रविवार, संक्रांन्ति, एकादशी तथा द्वादशी और संध्या समय नहीं तोड़नी चाहिए ।
5. दूर्वा किसे चढ़ाये और किसे न चढ़ाये?
दूर्वा, भगवान श्री गणेश को चढ़ाना चाहिए। दूर्वा माँ दुर्गा को ना चढ़ाये ।
6. क्या तुलसी का दल भगवान श्री गणेश को चढ़ा सकते है?
जी नहीं, तुलसी का दल भगवान श्री गणेश को नहीं चढ़ाना चाहिए ।