पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र : पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में जन्मे लोग तथा पुरुष और स्त्री जातक (Purva Bhadrapada Nakshatra : Purva Bhadrapada Nakshatra Me Janme Log Tatha Purush Aur Stri Jatak)
वैदिक ज्योतिष में कुल “27 नक्षत्र” है जिनमें से एक है “पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र” (Purva Bhadrapada Nakshatra)। यह आकाश मंडल तथा 27 नक्षत्रों में पच्चीसवें स्थान पर है। इस नक्षत्र का विस्तार “320।00” से लेकर “333।20” अंश तक है। पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में 2 तारें होते है। इस नक्षत्र को “ध्रुव संज्ञक नक्षत्रों” की श्रेणी में रखा गया है। आज हम आपको पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में जन्में लोग तथा पुरुष और स्त्री जातक की कुछ मुख्य विशेषताएं बतलायेंगे, पर सबसे पहले जानते है, पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र से जुड़ी कुछ जरुरी बातें :
पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र को “यमल सदृश” भी कहा जाता है। पूर्वा भाद्रपद “चंद्र देव” की 27 पत्नियों में से एक है तथा ये प्रजापति दक्ष की पुत्री है। “पूर्वा भाद्रपद “का अर्थ “पूर्व यानि पहले, भाद्र यानि सुन्दर, पद यानि चरण” है। यह नक्षत्र जुड़वां बच्चों जैसा प्रतीत होता है।
पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र से जुड़े अन्य जरुरी तथ्य :
- नक्षत्र – “पूर्वा भाद्रपद”
- पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र देवता – “रुद्र”
- पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र स्वामी – “गुरु”
- पूर्वा भाद्रपद राशि स्वामी – “शनि-3, गुरु-1”
- पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र राशि – “कुम्भ-3, मीन-1”
- पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र नाड़ी – “आदि”
- पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र योनि – “सिंह”
- पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र वश्य – “नर-3, जल-1”
- पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र स्वभाव – “उग्र”
- पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र महावैर – “गज”
- पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र गण – “मनुष्य”
- पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र तत्व – “वायु-3, जल-1”
- पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र पंचशला वेध – “चित्रा”
इन लोगों की “संकल्प शक्ति” प्रशंसनीय होती है। सामान्यतः ये रात मे देर से सोकर सुबह देर से उठते है। रात्रि जागरण में उनका व्यावसायिक उद्देश्य रहता है। चुस्त-चौकस रहने वाले ये लोग हिम्मती भी होते है। इन लोगों का स्वभाव जटिल और दुर्गम होता है। इन लोगों में ठंडा करके खाने की आदत होती है। ये शत्रुता या मित्रता में त्वरित भुगतान न करके समय आने पर चुकता करते है।
–ऋषि पराशर
पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र का वेद मंत्र :
।।ॐ उतनाहिर्वुधन्य: श्रृणोत्वज एकपापृथिवी समुद्र: विश्वेदेवा
ॠता वृधो हुवाना स्तुतामंत्रा कविशस्ता अवन्तु ।
ॐ अजैकपदे नम:।।
पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में चार चरणें होती है। जो इस प्रकार है :
1. पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र प्रथम चरण : पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के प्रथम चरण के स्वामी “मंगल देव” है तथा इस चरण पर शनि, गुरु और मंगल ग्रह का प्रभाव ज्यादा रहता है। इस चरण के जातक मानसिक ऊर्जा, आक्रामक और दृढ़ निश्चय वाले होते है। इस चरण के जातक मेढे के जैसे मुख और आंखों वाले होते है। पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के जातक पित्त पीड़ित, साहसी और धैर्यवान होते है। ये विपरीत लिंग का शौकीन और लक्ष्य के प्रति समर्पित होते है।
2. पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र द्वितीय चरण : पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के द्वितीय चरण के स्वामी ‘‘शुक्र देव” है। इस चरण पर शनि, गुरु और शुक्र ग्रह का प्रभाव होता है। ये मोटे दांत और बड़े आँखों वाले होते है। इस चरण के जातकों में रहस्य और काला जादू के प्रति रुचि होती है। ये जादू और ज्योतिष की दुनिया में सफलता हासिल करते है।
3. पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र तृतीय चरण : इस चरण के स्वामी “बुध ग्रह” है। इस चरण पर शनि, गुरु और बुध ग्रह का प्रभाव होता है। इस चरण के जातक जिज्ञासा से भरे होते है। इस चरण के जातक सांवले, गोल चेहरा, खूबसूरत, उत्कृष्ट और स्त्री तथा पुत्र वाले होते है। इस चरण के जातक ज्ञानवान, प्रसिद्ध और एक श्रेष्ठ लेखक होते है।
4. पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र चतुर्थ चरण : इस चरण के स्वामी “चन्द्रमा” है। इस चरण पर शनि, गुरु तथा चन्द्रमा का प्रभाव होता है। इस चरण के जातक गोरा रंग, छोटी गाल, नाजुक पतली कमर, बुद्धिमान और चंचल मन के होते है। इस चरण के जातकों में परोपकारिता भरी होती है। इस चरण के जातक परिस्थितियो से विपरीत संवेदनशील होते है।
आइये जानते है, पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के पुरुष और स्त्री जातकों के बारे में :
पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के पुरुष जातक :
इस लग्न के जातक सुन्दर मुख, मध्यम कद, गुदेदार होंठ और चौड़े गाल वाले होते है। ये आर्थिक दृष्टिकोण से कमजोर लेकिन सम्मान पाने वाले होते है। ये स्वदिष्ट भोजन प्रिय, स्वनिर्भर, मददगार और भुक्कड़ होते है। पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के पुरुष जातक धार्मिक, ईश्वर भक्त, शास्त्रों का पालन करने वाले, मितव्ययी, और साधारण वस्त्र पहनने वाले होते है। इस नक्षत्र के जातक जीवन के 23 से 34 वर्ष उम्र तक अप्रत्याशित उन्नति करते है और 40 से 54 के मध्य इनके जीवन में स्थाई स्थिरता आ जाती है। ये राजस्व अधिकारी होते है। ये शासकीय सेवक तथा शीघ्र उन्नति करने वाले होते है।
पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के स्त्री जातक :
इस लग्न की स्त्री जातिकाओं के सारे गुण और दोष पुरुष जातक के समान ही होते है। ये ना तो मोटी होती है और ना ही पतली। ये ना तो लम्बी होती है और ना ही ठिगनी। ये दिखने में रूपवान होती है। इनके प्रति विपरीत लिंग वाले जल्दी आकर्षित हो जाते है। इनमें ईमानदारी और निष्कपटता दो विशेष गुण मौजूद होते है। ये दूसरो से काम लेने वाली, जन्मजात नेता होती है। इन्हें पति और संतान से अत्यधिक लगाव होता है। ये गृहकार्य में दक्ष होती है और इनकी संतान इनके लिए भाग्यशाली साबित होते है।
Frequently Asked Questions
1. पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के देवता कौन है?
पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के देवता – रूद्र है।
2. पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र का स्वामी ग्रह कौन है?
पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र का स्वामी ग्रह – गुरु है।
3. पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के लोगों का भाग्योदय कब होता है?
पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के लोगों का भाग्योदय – 23 वें वर्ष में होता है।
4. पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र की शुभ दिशा कौन सी है?
पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र की शुभ दिशा – पश्चिम है।
5. पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र का कौन सा गण है?
पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र का मनुष्य गण है
6. पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र की योनि क्या है?
पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र की योनि – सिंह है।
7. पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र की वश्य क्या है?
पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र की वश्य – “नर-3, जल-1” है।