सरसों तेल क्या है और इसके फायदे (Sarso tel kya hai aur iske fayde)
सरसों तेल (mustard oil in hindi) का उपयोग विभिन्न कामों में होता है। सरसों के तेल को सर्दियों के समय में प्रयोग ज्यादा किया जाता है क्योंकि इससे अनेक स्वास्थ्य लाभ है। इस तेल को अधिकतर लोग सिर्फ खाना बनाने के लिए ही नहीं बल्कि अपने शरीर की मालिश के लिए भी उपयोग में लाते हैं, परंतु ये सिर्फ भोजन बनाने तक ही सीमित नहीं है। यह तेल शरीर की कई छोटी-बड़ी परेशानियों को दूर करने में भी मदद कर सकता है, परंतु इसे किसी परेशानी का सटीक इलाज न समझे। किसी गंभीर समस्या का सबसे सही इलाज डॉक्टरी परामर्श पर ही निर्भर करता है। आज हम जानेंगे सरसों तेल क्या है? सरसों तेल के उपयोग एवं सरसों के तेल के फायदों के बारे में। तो चलिए शुरू करते है :
सरसों का तेल क्या होता है? (sarso ka tel kya hota hai ?)
सरसों के तेल को सरसों के बीजों में से निकाला जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम ब्रेसिका जुनसा है, जिसे अलग अलग भाषाओं में अलग अलग नामों से जाना जाता है जैसे इंग्लिश में इसे मस्टर्ड, तेलुगु में अवन्यून, मलायम में कदुगेना और मराठी में मोहरीच कहते है।
सरसों के बीज का रंग भूरा, लाल और पीले रंग का होता है। मशीनों की मदद से इनमें से तेल को निकाल लिया जाता है। भारत में इसका प्रचलन ज्यादा है और प्रतिदिन बनने वाले भोजन में भी इसका उपयोग किया जाता है। यह तेल जायका बढ़ाने के साथ-साथ भोजन को पौष्टिक और सुपच बनाता है।
सरसों के तेल के कितने प्रकार है ? (Types of sarso tel in hindi)
सरसो के तेल के मुख्यत दो प्रकार है जो निम्नलिखित है :–
रिफाइंड सरसों का तेल (Refined Sarso tel) :
सरसों के बीजों को एक मशीन में डाला जाता है और तेल को मशीनों के द्वारा निकाला जाता है। इसका स्वाद बहुत कड़वा होता है। इस प्रकार के तेल का प्रयोग भारत में खाना बनाने के लिए किया जाता है। रिफाइंड सरसों का तेल काले व भूरे या फिर सफेद रंग के सरसों के बीजों से निकाला जाता है।
ग्रेड-1 (कच्ची घानी) (kachi ghani) :
इसे अक्सर कच्ची घानी के नाम से जाना जाता है। यह सरसों के तेल का शुद्ध रूप होता है। यही कारण है कि अधिकतर भारतीय गृहिणी भोजन को बनाने के लिए इसी तेल का उपयोग करना पसंद करती हैं। इस प्रकार का सरसों तेल स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है ।
ग्रेड-2 :
इस तेल का उपयोग भोजन को बनाने के लिए नहीं, बल्कि इस तेल का उपयोग लोग थेरेपी के लिए करते है ।
सरसो के तेल के क्या फायदे है ? (Sarso tel ke fayde in hindi)
सरसो के तेल के कई फायदे है जो निम्नलिखित है :
जोड़ों का दर्द/गठिया/मांसपेशियों का दर्द :
आज से नहीं, बल्कि सालो से सरसों के तेल को जोड़ों के दर्द, गठिया और मांसपेशियों में होने वाले दर्द से छुटकारा पाने के लिए प्रयोग किया जाता है। नियमित रूप से यदि इस तेल से मालिश करें तो शरीर के रक्त संचार में सुधार हो सकता है। इससे जोड़ों एवं मांसपेशियों की समस्या को दूर रखने में सहायता भी मिल सकती है। दरअसल सरसों के तेल में ओमेगा-3 होता है जो फैटी एसिड को सही करता है ।
हृदय स्वास्थ्य :
सरसों का तेल हृदय को स्वस्थ रखने के लिए काफी मददगार हो सकता हैं। चूंकि, NCBI (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट में प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, सरसों के तेल में मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (MUFA & PUFA) के साथ ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड पाया जाता है। ये दोनों फैटी एसिड मिलकर इस्केमिक हृदय रोग (रक्त प्रवाह की कमी के कारण) की आशंका को 50 परसेंट तक कम करते है।
कैंसर :
कैंसर एक घातक बीमारी है, इस बीमारी से लगभग सभी लोग बचना चाहता है। ऐसे में सरसों के तेल आपके लिए फायदेमंद हो सकता है यदि आपको इस समस्या से बचना है तो आप सरसो के तेल का प्रयोग करना शुरू कर सकते है। एक वैज्ञानिक शोध से ये मालूम चला है कि एलिल आइसोथियोसाइनेट (सरसों के तेल) में एंटी कैंसर गुण होते हैं, जो कैंसर सेल्स के विकास को रोकने का काम करते है ।
दांत संबंधी समस्या :
सरसों के तेल के फायदे दांत संबंधी समस्याओं में भी कारगर हो सकता है। जानकारों के मुताबिक, इस तेल को हल्दी के साथ प्रयोग करने पर मसूड़ों की सूजन और पेरियोडोंटाइटिस (मसूड़ों से जुड़ा संक्रमण) से आराम मिल सकता है ।
अस्थमा :
अस्थमा आपके श्वसन तंत्र से संबंधित एक बीमारी है। इससे राहत पाने में पीली सरसों तेल के फायदे कुछ हद तक मददगार साबित हो सकते हैं। दरअसल, इस संबंध में कई वैज्ञानिक अध्ययन किए गए हैं, जिनसे ये पता चला है कि सरसों के तेल में पाया जाने वाला सेलेनियम अस्थमा के प्रभाव को कम करने में आपकी सहायता करता है ।
कीट निवारक :
सरसों तेल लगाने से कीट का भी निवारण होता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के हिसाब से इस तेल को त्वचा पर लगाने से मच्छर या फिर अन्य कीड़े-मकोड़े आपके शरीर से दूर रहते हैं। इसके अलावा, यह गुणकारी तेल एडीज एल्बोपिक्टस मच्छरों के प्रभाव को बेअसर कर करता है। यह जानकारी एनसीबीआई की ओर से उपलब्ध एक अध्ययन में स्पष्ट रूप से देखने को मिला है ।
ब्रेन फंक्शन को बूस्ट करने के लिए :
सरसों के तेल के फायदे ब्रेन फंक्शन को बढ़ावा देने में भी उपयोगी हो सकता हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक मेडिकल शोध के हिसाब से, सरसों के तेल में उपस्थित फैटी एसिड सबसेलुलर मेम्ब्रेंस (उपकोशिकीय झिल्ली) की संरचना में बदलाव करने में मदद करता है, जिससे मेम्ब्रेन-बाउंड एंजाइमों की गतिविधि को रेगुलेट किया जा सकता है। यह मस्तिष्क के कार्य के लिए भी लाभकारी है ।
बालों के लिए :
बहुत से लोग सरसों के तेल को बालों में लगाने के लिए प्रयोग करते हैं, जो आपके बालों और स्कैल्प के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके उपयोग से बालों के विकास में मदद मिलता है। इसके लिए सरसों के तेल में मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड, ओमेगा 3 और 6 फैटी एसिड मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, इस तेल में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल प्रभाव भी पाए जाते हैं, जो रूसी की परेशानी को पनपने से रोक सकते हैं। इससे स्कैल्प पर खुजली की समस्या से भी आराम मिल सकता है ।
Frequently Asked Questions
1. क्या सरसों के तेल से सब्जी बनाई जा सकती है ?
जी हाँ, सरसों के तेल से सब्जी बनाई जा सकती है।
2. क्या सरसों के तेल का सेवन डायबिटीज में कर सकते है ?
जी हाँ, सरसो के तेल का सेवन डायबिटीज में भी कर सकते है।
3. सरसों के तेल का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
सरसों के तेल का वैज्ञानिक नाम ब्रेसिका जुनसा है।
4. सरसों के बीज किस रंग के होते है ?
सरसो के बीज भूरा, लाल और पीले रंग का होता है।