शंभु शरणे पडी माँगू घड़ी ए घड़ी | Shambhu Sharane Padi Lyrics | Free PDF Download
शंभु शरणे पडी, माँगू घड़ी ए घड़ी,
कष्ट काटो,
दया करी, शिव, दर्शन आपो,
तमो भक्तो ना भय हरनारा
शुभ सौव नूं सदा करनारा
हुं तो मंद मती तारी अकळ गति
कष्ट कापो, दया करी शीव दर्शन आपो
शंभु शरणे पडी, माँगू घड़ी ए घड़ी,
कष्ट काटो,
दया करी, शिव, दर्शन आपो,
अंगे भस्म स्मशान नी चोळी
संगे राखो सदा भुत टोळी
भाले चंद्र धयाँ कंठे विष भया,
अमृत आपो दया करी शीव दर्शन आपो
शंभु शरणे पडी, माँगू घड़ी ए घड़ी,
कष्ट काटो,
दया करी, शिव, दर्शन आपो,
नेती नेती जयां वेद कहे छे
मारूँ चीतडुं त्यां जावा चहे छे
सारा जग मा छे तूं,
वसु तारा मा हुं शकित आपो,
दया करी शीव दर्शन आपो
शंभु शरणे पडी, माँगू घड़ी ए घड़ी,
कष्ट काटो,
दया करी, शिव, दर्शन आपो,
आपो द्रष्टी मा तेज अनोखुं
सारी सुष्टी मा शीव रूप देखूँ,
मारा दिलमां वसो, आवी हैये हसो
शांति स्थापो दया करी शीव दर्शन आपो
शंभु शरणे पडी, माँगू घड़ी ए घड़ी,
कष्ट काटो,
दया करी, शिव, दर्शन आपो,
हुं तो एकल पंथी प्रवासी
छतां आत्मा केम उदासी
थाकयो मथी रे मथी
कारण मळतुं नथी
समजण आपो दया करी शीव दर्शन आपो
शंभु शरणे पडी, माँगू घड़ी ए घड़ी,
कष्ट काटो,
दया करी, शिव, दर्शन आपो,
शंकरदास नु भव दुख कापो
नित्य सेवा नु शुभ फळ आपो
टाळो मंद मति, गाळो गवઁ गति
भक्ति आपो दया करी शीव दर्शन आपो
शंभु शरणे पडी, माँगू घड़ी ए घड़ी,
कष्ट काटो,