श्री जीण माता की आरती | Shri Jeen Mata Ki Aarti | Free PDF Download
ओम जय श्री जीण मइया, बोलो जय श्री जीण मइया ।
सच्चे मन से सुमिरे, सब दुःख दूर भया ॥
ओम जय श्री जीण मइया…
ऊंचे पर्वत मंदिर, शोभा अति भारी ।
देखत रूप मनोहर, असुरन भयकारी ॥
ओम जय श्री जीण मइया…
महासिंगार सुहावन, ऊपर छत्र फिरे ।
सिंह की सवारी सोहे, कर में खड़ग धरे ॥
ओम जय श्री जीण मइया…
बाजत नौबत द्वारे, अरु मृदंग डैरु ।
चौसठ जोगन नाचत, नृत्य करे भैरू ॥
ओम जय श्री जीण मइया…
बड़े बड़े बलशाली, तेरा ध्यान धरे ।
ऋषि मुनि नर देवा, चरणो आन पड़े ॥
ओम जय श्री जीण मइया…
जीण माता की आरती, जो कोई जन गावे ।
कहत रूड़मल सेवक, सुख सम्पति पावे ॥
ओम जय श्री जीण मइया…
ओम जय श्री जीण मइया, बोलो जय श्री जीण मइया ।
सच्चे मन से सुमिरे, सब दुःख दूर भया ॥
ओम जय श्री जीण मइया…
॥ इति श्री जीण माता आरती संपूर्णम् ॥
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