श्री पितर जी की आरती | Shri Pitar Ji Ki Aarti | Free PDF Download
जय जय पितर महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी ।
शरण पड़यो हूँ थारी बाबा, शरण पड़यो हूँ थारी ॥ जय जय …
आप ही रक्षक आप ही दाता, आप ही खेवनहारे ।
मैं मूरख हूँ कछु नहिं जाणूं, आप ही हो रखवारे ॥ जय जय …
आप खड़े हैं हरदम हर घड़ी, करने मेरी रखवारी ।
हम सब जन हैं शरण आपकी, है ये अरज गुजारी ॥ जय जय …
देश और परदेश सब जगह, आप ही करो सहाई ।
काम पड़े पर नाम आपको, लगे बहुत सुखदाई ॥ जय जय …
भक्त सभी हैं शरण आपकी, अपने सहित परिवार ।
रक्षा करो आप ही सबकी, रटूँ मैं बारम्बार ॥ जय जय …
जय जय पितर महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी ।
शरण पड़यो हूँ थारी बाबा, शरण पड़यो हूँ थारी ॥ जय जय …
॥ इति श्री पितर आरती संपूर्णम् ॥