स्फटिक की माला : किस राशि के लिए शुभ, स्फटिक की माला, स्फटिक मंत्र तथा पहनने के नियम (Sphatik Ki Mala : Kis Rashi Ke Liye Shubh Hai Sphatik Ki Mala, Sphatik Mantra Tatha Pahanne Ka Niyam)
वैदिक ज्योतिष के अनुसार मनुष्य के जीवन पर अगल-अगल ग्रहों का प्रभाव पड़ता है और इन्हीं ग्रहों का प्रभाव शुभ तथा अशुभ दोनों तरह से ही पड़ता है। कुछ ग्रह ऐसे भी होते है जो अस्त होते और उनका प्रभाव क्षीण हो जाता है तब ऐसे ग्रहों को सक्रीय करने के लिए ज्योतिष में कई रत्नों का उपयोग किया जाता है जिससे की उस ग्रह से जुडी अशुभता और क्षीणता नष्ट हो जाए।
यदि हम बात करें शुक्र ग्रह कि तो ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह के लाभों को पाने के लिए ही “स्फटिक“ की उपयोगिता बतलाई गई है। जब भी किसी की कुंडली में शुक्र ग्रह अस्त होता है या शुभ घर का स्वामी होकर भी शुक्र यदि अशुभ घर में बैठ जाए तो शुक्र ग्रह की शुभता और उससे होने वाले लाभों को पाने के लिए ज्योतिष “स्फटिक की माला” पहनने की सलाह देता है।
परन्तु, स्फटिक क्या है ?, स्फटिक की माला पहनने से होने वाले लाभ, स्फटिक की माला किस राशि को पहनना चाहिए?, स्फटिक की माला पहनने के नियम, तथा स्फटिक का चमत्कारी मंत्र को अच्छे से जान लेना बहुत जरूरी है, जो एक-एक कर के यहाँ बतलाई जा रही है :
आइये सबसे पहले जान लेते है, स्फटिक क्या है? (Sphatik Kya Hai?)
स्फटिक, बर्फीले पहाड़ियों के नीचे छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में पाया जाता है तथा ऑक्सीजन और सिलिकॉन के अणुओं का एक निश्चित अनुपात में मिलने से बनता है।
स्फटिक को “बिल्लौर” के नाम से भी जानते भी हैं। स्फटिक देवी माँ, भगवान शिव तथा चंद्र और शुक्र ग्रह को अति प्रिय है। स्फटिक बर्फ के सामान ही रंगहीन तथा पारदर्शी होते है। स्फटिक के चमकदार पत्थरों से मालाएं बनाई जाती है।
स्फटिक से मिलने वालें लाभ (Sphatik Se Milne Wale Laabh) :
- यदि किसी के कुंडली में शुक्र का बुरा फल मिल रहा या शुक्र शुभ घर के स्वामी होकर भी अशुभ घर में हो तथा शुक्र के अस्त होने पर स्फटिक की माला पहनने से शुक्र ग्रह का शुभ प्रभाव मिलता है।
- स्फटिक पहनने से डर और घबराहट नहीं होती।
- वैदिक ज्योतिष के अनुसार स्फटिक पहनने से धन सम्पदा रूप और बल में बढ़ोतरी होती है।
- स्फटिक की माला धारण करने से जीवन में सुख शांति तथा धैर्य बनी रहती है ।
- स्फटिक की माला से मंत्र सिद्धि भी की जाती है ।
- स्फटिक पहनने से भूत, पिशाच, प्रेत, बाधा से छुटकारा मिल जाता है ।
- इसे पहनने से दिमाग तेज और विकसित होता है
- स्फटिक की भस्म से बुखार, पित्त-विकार, कमजोरी तथा खून से सम्बंधित विकार और व्याधियां जल्दी दूर हो जाती है ।
किस राशि के लिए शुभ है स्फटिक की माला ? (Kis Rashi Ke Liye Shubh Hai Sphatik Ki Mala?)
स्फटिक की माला उन राशि वालों के लिए अत्यंत शुभकारी है जिन राशियों के स्वामी शुक्र ग्रह है, जैसे की :
- वृषभ राशि
- तुला राशि
चन्द्रमा तथा बुद्ध ग्रह प्रधान राशि वालों के लिए भी स्फटिक की माला शुभ फल देती है जैसे की :
- मिथुन राशि
- कर्क राशि
- कन्या राशि
स्फटिक की माला पहनने के नियम (Sphatik Ki Mala Pahanne Ke Niyam) :
किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार कप स्फटिक को सबसे पहले जल और दूध से शुद्धि कर लें। इसके बाद स्फटिक की माला से “गायत्री मंत्र” का एक माला जाप करें । सूर्योदय होने के 3 घंटे के अंदर ही उस माला को पहन लें ।
स्फटिक का चमत्कारी मंत्र (Sphatik Ka Chamtkaari Mantra) :
“भगवान पंचमुखी ब्रह्मा” का स्वरूप है स्फटिक तथा इसके देवता “कालाग्नि“ है। देवी लक्ष्मी जी की उपासना के लिए स्फटिक की माला को शुभ तथा सर्वोपरि माना जाता है। आइये जानते है स्फटिक का मंत्र, जो इस प्रकार है :
।।पंचवक्त्र: स्वयं रुद्र: कालाग्निर्नाम नामत:।।
सावधानी :यदि आपने नकली स्फटिक की माला या अंगूठी का उपयोग मंत्र सिद्धि के लिए किया है तो यह आपको नुक्सान भी पहुंचा सकती है। सबसे पहले आप स्फटिक की पहचान कर लें अन्यथा आपको नुक्सान पहुँच सकता है। स्फटिक का उपयोग आप अपनी राशि के अनुसार ही करें। “स्फटिक“ की प्रकृति ठंडी होती है इसलिए यदि आपको पहले से सर्दी जुकाम ज्यादा रहता है तो आप स्फटिक का उपयोग ना करें ।
Frequently Asked Questions
1. किस देवी की उपासना के लिए स्फटिक का उपयोग किया जाता है ?
देवी लक्ष्मी की उपासना के लिए स्फटिक का उपयोग किया जाता है ।
2. स्फटिक की प्रकृति ठंडी या गर्म होती है ?
स्फटिक की प्रकृति ठंडी होती है।
3. स्फटिक किसका स्वरूप है ?
स्फटिक पंचमुखी ब्रह्मा का स्वरूप है।
4. किस ग्रह का लाभ पाने के लिए स्फटिक का उपयोग होता है ?
शुक्र ग्रह का लाभ पाने के लिए स्फटिक का उपयोग होता है।
5. स्फटिक का मंत्र क्या है ?
स्फटिक का मंत्र है “।।‘पंचवक्त्र: स्वयं रुद्र: कालाग्निर्नाम नामत:।।‘।