तुलसी पूजा के नियम, तुलसी मंत्र तथा जल देने की विधि (Tulsi Puja Ke Niyam, Tulsi Mantra Tatha Jal Dene Ki Vidhi)
सनातन धर्म के अनुसार, जिस घर में तुलसी नहीं वहां पर सुख-शांति का वास नहीं। जिस भी घर में माता तुलसी की नियमित रूप से पूजा आरती होती है वहाँ माता लक्ष्मी का वास होता है और जहाँ पर माता लक्ष्मी का वास होता है वहाँ पर प्रभु श्री हरी विष्णु का वास होता है। अतः ऐसे घरों में जहाँ भी माता तुलसी की पूजा (tulsi puja) होती है वहां पर सुख, शांति, धन आदि की कभी कमी नहीं होती।
तुलसी मंत्र (Tulsi Mantra in hindi) :
“महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी,
आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते”
यहाँ बताए गए मंत्र का जाप तुलसी पूजा के दौरान अवश्य करें।
कोई भी पूजा सही ढंग और विधि विधान द्वारा किया जाए तो ही वह सही फल प्रदान करती है। इसलिए, तुलसी पूजा भी सही ढंग से करनी चाहिए। माता तुलसी की पूजा से पहले पूजा करने वाले को कुछ नियम जान लेने चाहिए जैसे की : तुलसी को जल देने की विधि क्या है? अगर आप बिना नियम जानें किसी भी दिन तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाते हैं और पूजा करते हैं तो आपको कई तरह के हानियों का सामना भी करना पड़ेगा। आइये जानते हैं, तुलसी पूजा से जुड़ें विधि विधान के बारे में विस्तार से :
तुलसी पूजा के नियम :
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रविवार के दिन तुलसी के पौधे में न तो जल चढ़ानी चाहिए और न ही पूजा करनी चाहिए।
- संध्या पूजन में इस बात का खास ख्याल रखें की शाम के समय माता तुलसी के पूजन में तुलसी के पौधे को आप हाथ न लगाएं। आप दूर से ही प्रणाम करें।
- जब भी लोग तुलसी के पौधे के सामने दिया जलाते हैं तो दिए के नीचे आसन नहीं देते। इसलिए जब भी दिया जलाये तो उसके नीचे अक्षत का आसन जरूर दें।
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महिलाएं भूल से भी तुलसी पूजा के समय अपने बालों को खुला नहीं छोड़ें। जिस प्रकार आप अन्य पूजा अनुष्ठानों में अपने बालों को बांधकर रखती हैं उसी प्रकार आप तुलसी पूजन के समय भी अपने बालों को बांध कर रखें ।
- तुलसी के पौधे में ज्यादा जल कभी न डालें। बहुत से घरों में उस घर के सभी सदस्य तुलसी के पौधें में एक एक करके जल ढ़ालते हैं। जिससे की अधिक जल तुलसी के पौधे की जड़ को नुकसान करता है और तुलसी का पौधा जल्दी ही सुख जाता है और तुलसी का सुखना शुभ संकेत नहीं माना जाता।
- जिस प्रकार आप अन्य देवी देवताओं को वस्त्र पहनाते है और उन्हें बदलते भी हैं उसी प्रकार आप तुलसी के पौधे को भी चुनरी ओढ़ाकर वैसे ही न छोड़ दें। समय-समय पर तुलसी के पौधे के वस्त्र अवश्य बदलें।
- तुलसी के पत्ते संध्या समय में बिल्कुल भी न तोड़ें। इसलिए अगर आप पूजा या किसी भी अन्य काम के लिए तुलसी के पत्ते तोड़ना चाहते हैं तो आप पत्तों को सुबह ही तोड़ें।
- जब भी आप तुलसी के पत्ते तोड़ने जाते हैं तो पहले आप तुलसी के पौधे को प्रणाम अवश्य करें और यह भी कहें कि किस उद्देश्य से आप तुलसी के पत्तों को तोड़ रहे हैं और कभी भी तुलसी के पत्तों को खींचकर या नाखूनों से नहीं तोड़ना चाहिए।
- एकादशी के दिन तुलसी के पत्तों को भूल से भी नहीं तोड़ना चाहिए।
तुलसी पूजा की सही विधि :
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर जिस प्रकार आप अन्य देवी देवताओं का पूजन करते हैं उसी प्रकार माता तुलसी का भी पूजन करें।
- प्रतिदिन सुबह और शाम के समय तुलसी के पौधे के सामने गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए।
- तुलसी के पौधे के सामने दिया जलाने के बाद 5, 11, 21 या 101 बार परिक्रमा अवश्य करनी चाहिए।
- हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, तुलसी का पौधा कार्तिक के महीने में या फिर बृहस्पतिवार को लगाना शुभ माना जाता है।
- हिन्दू काल गड़ना के अनुसार, शरद पूर्णिमा से ही कार्तिक माह की शुरआत हो जाती है। इस पूरे माह में माता तुलसी की नियमित रूप से पूजा अर्चना की जाती है।
Frequently Asked Questions
1. क्या रविवार के दिन तुलसी की पूजा कर सकते हैं ?
जी नहीं रविवार के दिन तुलसी की पूजा नहीं करनी चाहिए।
2. तुलसी के पौधे की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए ?
तुलसी के पौधे की 5, 11, 21 या 101 बार परिक्रमा अवश्य करनी चाहिए।
3. क्या एकादशी के दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ सकते हैं ?
जी नहीं एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़नी चाहिए।
4. तुलसी के पौधे को घर में किस दिन लगाना शुभ माना जाता है ?
तुलसी के पौधे को गुरुवार के दिन घर में लगाना शुभ माना जाता है।
5. क्या तुलसी के सामने दिया जलाते समय आसन देना चाहिए ?
जी हाँ, तुलसी के सामने दिया जलाते समय आसन देना चाहिए। आप चाहे तो अक्षत का आसन भी दे सकते हैं।
6. क्या तुलसी के पौधे में अत्यधिक जल ढ़ालने से तुलसी का पौधा सुख जाता हैं ?
जी हाँ, तुलसी के पौधे में अत्यधिक जल ढ़ालने से तुलसी का पौधा सुख जाता हैं।